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ऊर्जा प्रदेश में बिजली की डिमांड, CM धामी ने सब सामान्य होने का दिया भरोसा - demand of electricity in the state will be normal

राज्य में आने वाले दिनों में संकट की स्थिति दिखाई दे रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय पूल से कटौती होना शुरू हो गया है. इसकी वजह राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कमी को माना जा रहा है, लिहाजा कोयला आधारित विद्युत में आ रही दिक्कत के कारण केंद्रीय पूल से भी राज्य को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिल पा रहा है.

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ऊर्जा प्रदेश में बिजली की डिमांड पूरी करना भी हो रहा मुश्किल.
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Published : Oct 12, 2021, 9:00 AM IST

Updated : Oct 12, 2021, 9:42 AM IST

देहरादून: ऊर्जा प्रदेश में लोगों की बिजली की डिमांड पूरी करना मुश्किल होता जा रहा है. लेकिन स्थिति यह है कि अब उत्तराखंड को भी बिजली की आपूर्ति को पूरा करने के लिए बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है.यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में कई डैम और परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं.

उत्तराखंड का ऊर्जा निगम ही नहीं बल्कि राज्य सरकार भी इन दिनों प्रदेशवासियों को बिना कटौती के बिजली देने को लेकर चिंता भी दिखाई दे रही है. यूं तो यह चिंता कोई नई नहीं है, क्योंकि ऊर्जा निगम जिस तरह से बिजली खरीद के कारण घाटे में जा रहा है. उससे समय-समय पर राज्य में बिजली को लेकर चिंताएं दिखाई देती रही है.लेकिन अब यह परेशानी इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि न केवल केंद्रीय कोटे में कटौती की जा रही है बल्कि बिजली के दामों में अचानक आई बढ़ोत्तरी के कारण राज्य बाहर से बिजली भी खरीदने में सक्षम नहीं दिखाई दे रहा है.

ऊर्जा प्रदेश में बिजली की डिमांड.

पढ़ें-उपनल कर्मियों के मानदेय पर निर्णय, आज मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर होगी चर्चा

राज्य में आने वाले दिनों में संकट की स्थिति दिखाई दे रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय पूल से कटौती होना शुरू हो गया है. इसकी वजह राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कमी को माना जा रहा है, लिहाजा कोयला आधारित विद्युत में आ रही दिक्कत के कारण केंद्रीय पूल से भी राज्य को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिल पा रहा है. दूसरी परेशानी बिजली खरीद को लेकर भी दिख रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली की कमी के कारण बिजली के दामों में भी 3 गुना तक बढ़ोत्तरी की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि ₹5 प्रति यूनिट के लिहाज से मिलने वाली बिजली अब ₹15 प्रति यूनिट तक पहुंच गई है. ऐसे भी राज्य का दूसरे राज्यों से बिजली खरीदना भी मुश्किल हो गया है.

इस मामले पर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत कहते हैं कि बिजली खरीद को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. लेकिन इन दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा, बिजली खरीद को लेकर दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं और सभी स्थितियों पर पूरी तरह से नजर बनाए गई हैं. इस मामले में जब मुख्यमंत्री से सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल हर तरह की स्थितियों को देखा जा रहा है और बिजली की कमी ना हो इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं

पढ़ें-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का उत्तराखंड दौरा, इस खास योजना का करेंगे शुभारंभ

रोजाना बिजली की खपत

  • उत्तराखंड में 41 मिलियन यूनिट की हर दिन जरूरत होती है.
  • ऊर्जा निगम 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध करा पा रहा है.
  • इस तरह जरूरत के लिहाज से निगम को 4 से 5 मिलियन यूनिट रोजाना बिजली खरीदनी पड़ती है.
  • करीब 12 मिलियन यूनिट केंद्रीय पूल से राज्य को मिलती है.

देहरादून: ऊर्जा प्रदेश में लोगों की बिजली की डिमांड पूरी करना मुश्किल होता जा रहा है. लेकिन स्थिति यह है कि अब उत्तराखंड को भी बिजली की आपूर्ति को पूरा करने के लिए बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है.यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में कई डैम और परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं.

उत्तराखंड का ऊर्जा निगम ही नहीं बल्कि राज्य सरकार भी इन दिनों प्रदेशवासियों को बिना कटौती के बिजली देने को लेकर चिंता भी दिखाई दे रही है. यूं तो यह चिंता कोई नई नहीं है, क्योंकि ऊर्जा निगम जिस तरह से बिजली खरीद के कारण घाटे में जा रहा है. उससे समय-समय पर राज्य में बिजली को लेकर चिंताएं दिखाई देती रही है.लेकिन अब यह परेशानी इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि न केवल केंद्रीय कोटे में कटौती की जा रही है बल्कि बिजली के दामों में अचानक आई बढ़ोत्तरी के कारण राज्य बाहर से बिजली भी खरीदने में सक्षम नहीं दिखाई दे रहा है.

ऊर्जा प्रदेश में बिजली की डिमांड.

पढ़ें-उपनल कर्मियों के मानदेय पर निर्णय, आज मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर होगी चर्चा

राज्य में आने वाले दिनों में संकट की स्थिति दिखाई दे रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय पूल से कटौती होना शुरू हो गया है. इसकी वजह राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कमी को माना जा रहा है, लिहाजा कोयला आधारित विद्युत में आ रही दिक्कत के कारण केंद्रीय पूल से भी राज्य को पर्याप्त हिस्सा नहीं मिल पा रहा है. दूसरी परेशानी बिजली खरीद को लेकर भी दिख रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली की कमी के कारण बिजली के दामों में भी 3 गुना तक बढ़ोत्तरी की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि ₹5 प्रति यूनिट के लिहाज से मिलने वाली बिजली अब ₹15 प्रति यूनिट तक पहुंच गई है. ऐसे भी राज्य का दूसरे राज्यों से बिजली खरीदना भी मुश्किल हो गया है.

इस मामले पर ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत कहते हैं कि बिजली खरीद को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. लेकिन इन दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा, बिजली खरीद को लेकर दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं और सभी स्थितियों पर पूरी तरह से नजर बनाए गई हैं. इस मामले में जब मुख्यमंत्री से सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल हर तरह की स्थितियों को देखा जा रहा है और बिजली की कमी ना हो इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं

पढ़ें-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का उत्तराखंड दौरा, इस खास योजना का करेंगे शुभारंभ

रोजाना बिजली की खपत

  • उत्तराखंड में 41 मिलियन यूनिट की हर दिन जरूरत होती है.
  • ऊर्जा निगम 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली ही उपलब्ध करा पा रहा है.
  • इस तरह जरूरत के लिहाज से निगम को 4 से 5 मिलियन यूनिट रोजाना बिजली खरीदनी पड़ती है.
  • करीब 12 मिलियन यूनिट केंद्रीय पूल से राज्य को मिलती है.
Last Updated : Oct 12, 2021, 9:42 AM IST
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