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11 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने किया सचिवालय कूच, लगाया गुमराह करने का आरोप

देहरादून में अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मियों ने सचिवालय कूच किया. सफाई कर्मियों ने शासन पर गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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देहरादून
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Published : Jan 4, 2022, 5:38 PM IST

देहरादूनः अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मियों ने सचिवालय कूच किया. हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सुभाष रोड स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के गेट के सामने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद सफाई कर्मी नारेबाजी करते हुए शासन-प्रशासन से मुलाकात करने की मांग करने लगे.

सफाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि 19 जुलाई 2021 को संपूर्ण उत्तराखंड में आंदोलन किया गया था और 27 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मांगों पर समझौता हुआ कि अगस्त 2021 तक उनकी मांगों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया जाएगा. लेकिन शासन द्वारा संघ व कर्मचारियों को लगातार गुमराह किया गया. इससे यही प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों के प्रति गंभीर नहीं हैं.

वहीं, कोटद्वार शाखा के अध्यक्ष शशि कुमार का कहना है कि सरकार की अनदेखी से सफाई कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. उन्होंने प्रमुख मांगे उठाते हुए कहा कि संपूर्ण उत्तराखंड के स्थानीय निकायों सहित अन्य विभागों जैसे चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों आदि में सफाई कार्य से ठेका प्रथा खत्म किया जाए. सफाई कर्मचारियों के स्थाई पदों की भर्ती शुरू करते हुए सालों से कार्यरत संविदा मोहल्ला स्वच्छता समिति, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स बनल सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए.

ये भी पढ़ेंः Haridwar Hate Speech: FIR के बाद भी आरोपी नहीं गिरफ्तार, भीम आर्मी का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

सफाई कर्मियों की प्रमुख मांगेंः अकेंद्रीय और केंद्रीय कर्मचारियों की नियमावली में संशोधन करते हुए पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक और पर्यावरण पर्यवेक्षक सफाई निरीक्षक व चालक आदि पदों पर पदोन्नति का लाभ दिया जाए. वर्तमान में प्रचलित पेंशन योजना, एनपीएस के स्थान पर सफाई कर्मियों/ निकायों के वर्ष 2005 से बंद पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल की जाए और सफाई कर्मियों का जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा किया जाए.

देहरादूनः अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मियों ने सचिवालय कूच किया. हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सुभाष रोड स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के गेट के सामने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद सफाई कर्मी नारेबाजी करते हुए शासन-प्रशासन से मुलाकात करने की मांग करने लगे.

सफाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि 19 जुलाई 2021 को संपूर्ण उत्तराखंड में आंदोलन किया गया था और 27 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मांगों पर समझौता हुआ कि अगस्त 2021 तक उनकी मांगों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया जाएगा. लेकिन शासन द्वारा संघ व कर्मचारियों को लगातार गुमराह किया गया. इससे यही प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों के प्रति गंभीर नहीं हैं.

वहीं, कोटद्वार शाखा के अध्यक्ष शशि कुमार का कहना है कि सरकार की अनदेखी से सफाई कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. उन्होंने प्रमुख मांगे उठाते हुए कहा कि संपूर्ण उत्तराखंड के स्थानीय निकायों सहित अन्य विभागों जैसे चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों आदि में सफाई कार्य से ठेका प्रथा खत्म किया जाए. सफाई कर्मचारियों के स्थाई पदों की भर्ती शुरू करते हुए सालों से कार्यरत संविदा मोहल्ला स्वच्छता समिति, दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स बनल सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए.

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सफाई कर्मियों की प्रमुख मांगेंः अकेंद्रीय और केंद्रीय कर्मचारियों की नियमावली में संशोधन करते हुए पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक और पर्यावरण पर्यवेक्षक सफाई निरीक्षक व चालक आदि पदों पर पदोन्नति का लाभ दिया जाए. वर्तमान में प्रचलित पेंशन योजना, एनपीएस के स्थान पर सफाई कर्मियों/ निकायों के वर्ष 2005 से बंद पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल की जाए और सफाई कर्मियों का जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा किया जाए.

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