देहरादून: नगर निगम में डमी ठेकेदार के जरिए ट्रैक्टर ट्रॉली के टेंडर में लगे घोटाले के आरोप में जांच के बाद ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी गई है. नगर आयुक्त ने जांच रिपोर्ट मीडिया के सामने सार्वजनिक कर सालावाला पार्षद द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत करार दिया है.
बता दें कि, 21 सितंबर को हुई कार्यकारिणी बैठक में सालावाला वार्ड के पार्षद भूपेंद्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए रिकॉर्ड पेश किए थे. उन्होंने बताया कि 16 अगस्त से नए ठेकेदार ने जब काम शुरू किया तो 45 ट्रैक्टर ट्रॉली का अनुबंध हुआ था. जबकि पहले दिन केवल 15 और उसके अगले दिन 18 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए. इसके बाद 21 अगस्त को 19 और 26 अगस्त को 27 ट्रैक्टर ट्रॉली चलाए गए. तब से ये ट्रैक्टर ट्रॉली 28 से 29 ही चलाए जा रहे थे. इसके अलावा ट्रैक्टर ट्रॉली के चार फेरों के बजाय दो ही फेरे लगाए जा रहे थे, जबकि भुगतान चार फेरों का किया जा रहा था.
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वहीं, नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पार्षद के आरोपों को सही बताते हुए कहा था कि टेंडर की शर्तों के हिसाब से ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं चल रहे हैं और ट्राली भी मानक के अनुरूप नहीं है. जिसके बाद इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए. साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली का टेंडर उठाने के लिए कुछ पार्षदों ने पहले गठजोड़ किया और उसके बाद डमी ठेकेदार के जरिए कम धनराशि भरकर टेंडर हासिल कर लिया था. जिसके बाद नगर निगम कार्यकारिणी ने जांच के आदेश दिए और एक जांच कमेटी बना दी गई. जिसमें 1 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया था.
मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि मामले में अगर विभाग और ठेकेदार ने गड़बड़ी की है तो कार्रवाई करेंगे. मामले की रिपोर्ट आ गई है, कोई भी इसमें घोटाला नहीं हुआ है. पार्षद के लगाए गए आरोप सभी गलत थे. लेकिन जो जांच की गई है वो ट्रैक्टर ट्रॉली से संबंधित हो या फिर लंबाई चौड़ाई से संबंधित हो, उसमें अभी तक भुगतान नहीं हुआ है.