मसूरी: ईसाई समुदाय के लोगों ने गुड फ्राईडे को बलिदान दिवस के रूप में मनाया. वहीं, बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रभु यीशु की प्रार्थना की.
गुड फ्राईडे का दिन ईसाई समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है. इसे बलिदान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. मसूरी में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग ब्रिटिश काल से रहते हैं. वह अपने पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाते हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अधिकांश लोगों ने घरों में ही प्रार्थना की. इस दौरान चर्च में कम संख्या में लोग पहुंचे, जिन्होंने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए प्रार्थना की.
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प्रेम सिंह ने बताया कि गुड फ्राईडे का ईसाईयों के लिए बड़ा महत्व है. क्योंकि आज ही के दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया गया था. उन्होंने बताया कि बुरी ताकतें इस दुनिया का संपूर्ण विनाश करना चाहती थी. इसके लिए ईसा मसीह दुनिया मे आये और मानवता के उत्थान के लिए सैकड़ों चमत्कार किए, जिससे घबरा कर तत्कालीन तथाकथित धर्म गुरूओं ने रोमन सरकार से ईसा मसीह को मानवता का शत्रु बताकर, उन्हें मारने को कहा. आज ही के दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटका कर मार दिया गया था. इस दिन को बलिदान दिवस भी कहा जाता है.