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प्रदेश को जल्द मिलेंगे 116 सीएचओ, मेडिकल विश्वविद्यालय ने सौंपी चयनित अभ्यर्थियों की सूची

प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कोशिशें जारी हैं. इसी कड़ी में जल्द प्रदेश में 116 सीएचओ की नियुक्ति की जाएगी. जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो सके. स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत का कहना है कि सरकार हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना चाहती है.

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Published : May 3, 2023, 10:10 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने को लेकर लगातार डॉक्टरों और नर्सों की कमी को दूर कर रही है. इसी क्रम में प्रदेश में संचालित वेलनेस सेंटरों पर शत प्रतिशत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विभाग लगातार सीएचओ नियुक्त कर रहा है. हालांकि, 1399 सेंटरों पर सीएचओ की तैनाती पहले ही जा चुकी है. वहीं, विभाग को जल्द ही 116 सीएचओ और मिलने जा रहे हैं. जिससे आम लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकें.

स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के हर एक व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचें इस ओर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है. स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय स्तर पर जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर ही सीएचओ के खाली सभी पदों को भरने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत दिसंबर 2022 तक 1683 पदों के सापेक्ष 1399 पदों पर सीएचओ की तैनाती की गई थी. ऐसे में खाली पड़े सीएचओ के पदों को भरने की जिम्मेदारी एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.
पढ़ें-देवभूमि में जमीन नहीं खरीद सकेंगे बाहरी असामाजिक तत्व, CM धामी भूमाफियाओं के खिलाफ लेने जा रहे बड़ा फैसला

जिसके चलते विश्वविद्यालय ने दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद सीएचओ के लिए चयनित 116 अभ्यर्थियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है. ऐसे में चयनित इन सभी 116 अभ्यर्थियों की तैनाती जल्द ही जिलों में खाली वेलनेस सेंटरों पर की जाएगी. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन चयनित सीएचओ की नियुक्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग के तहत वेलनेस सेंटरों में तैनात सीएचओ की संख्या 1515 हो जाएगी. जिसके जरिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की न सिर्फ सामान्य जांच हो सकेगी, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी तमाम योजनाओं की जानकारी भी मिल सकेगी.

बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का मुख्य काम प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराना है. जिसके तहत मरीजों का इलाज, ओपीडी का संचालन, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सलाह देना है. इसके अलावा किसी दुर्घटना की स्थिति में मरीज का प्राथमिक उपचार करने की भी जिम्मेदारी होती है. इन सबके अलावा सीएचओ, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और ग्राम प्रधान के साथ मिलकर उस क्षेत्र में राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं और कार्यों की जानकारी आम जनता के बीच पहुंचाने का होता है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने को लेकर लगातार डॉक्टरों और नर्सों की कमी को दूर कर रही है. इसी क्रम में प्रदेश में संचालित वेलनेस सेंटरों पर शत प्रतिशत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विभाग लगातार सीएचओ नियुक्त कर रहा है. हालांकि, 1399 सेंटरों पर सीएचओ की तैनाती पहले ही जा चुकी है. वहीं, विभाग को जल्द ही 116 सीएचओ और मिलने जा रहे हैं. जिससे आम लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकें.

स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के हर एक व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचें इस ओर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है. स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय स्तर पर जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर ही सीएचओ के खाली सभी पदों को भरने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत दिसंबर 2022 तक 1683 पदों के सापेक्ष 1399 पदों पर सीएचओ की तैनाती की गई थी. ऐसे में खाली पड़े सीएचओ के पदों को भरने की जिम्मेदारी एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.
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जिसके चलते विश्वविद्यालय ने दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद सीएचओ के लिए चयनित 116 अभ्यर्थियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है. ऐसे में चयनित इन सभी 116 अभ्यर्थियों की तैनाती जल्द ही जिलों में खाली वेलनेस सेंटरों पर की जाएगी. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को नियुक्ति पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन चयनित सीएचओ की नियुक्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग के तहत वेलनेस सेंटरों में तैनात सीएचओ की संख्या 1515 हो जाएगी. जिसके जरिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की न सिर्फ सामान्य जांच हो सकेगी, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी तमाम योजनाओं की जानकारी भी मिल सकेगी.

बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का मुख्य काम प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराना है. जिसके तहत मरीजों का इलाज, ओपीडी का संचालन, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सलाह देना है. इसके अलावा किसी दुर्घटना की स्थिति में मरीज का प्राथमिक उपचार करने की भी जिम्मेदारी होती है. इन सबके अलावा सीएचओ, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और ग्राम प्रधान के साथ मिलकर उस क्षेत्र में राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं और कार्यों की जानकारी आम जनता के बीच पहुंचाने का होता है.

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