देहरादून: राजपुर क्षेत्र पुरकुल गांव में स्थित बौद्ध मठ के अधीन आने वाले शाक्य स्कूल के 39 बच्चों को बाल आयोग की पहल पर उनके घर नेपाल रवाना कर दिया गया है. स्कूल की बस में बच्चों के साथ 3 शिक्षकों बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, बाल आयोग द्वारा पिथौरागढ़ जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि बनबसा के रास्ते नेपाल जाने वाले इन बच्चों को सुरक्षित बॉर्डर क्रॉस कराकर उनके परिजनों के सुपुर्द किया जाए.
वहीं, इससे पहले शाक्य स्कूल से नेपाल घर जाने की जिद लगाए बच्चों को नियमानुसार जाने के लिए देहरादून जिलाधिकारी से भी इजाजत ली गई है. आज बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने शाक्य स्कूल पहुंच कर नेपाल मूल के बच्चों से मुलाकात की और उनके घर वापसी के लिए स्कूल प्रबंधन से बातचीत भी की. बाल आयोग का मानना है कि शिक्षक की खुदकुशी के बाद स्कूल के बच्चे डिप्रेशन में न आएं इसको देखते हुए बच्चों के घर वापसी का निर्णय लिया गया है.
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बता दें, शाक्य स्कूल में 213 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, इनमें से 200 बच्चे नेपाल मूल के हैं, पिछले दिनों दशहरे के अवसर पर 47 बच्चों ने स्कूल प्रबंधन से प्रार्थना पत्र देकर घर जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन जिस तरह से प्रताड़ना और मारपीट का मामला सामने आया, उसको देखते हुए अब बाल आयोग बच्चों के जीवन को सुरक्षित करने की दिशा में आगे आया है. फिलहाल, नेपाल मूल के 40 बच्चों घर पहुंचाया जा रहा है, जबकि 3 बच्चे पहले ही फरार होकर नेपाल अपने घर पहुंच चुके हैं.