ऋषिकेश: कड़ाके की ठंड (increasing cold) का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. सरकारी अस्पताल ऋषिकेश में नजला जुकाम, बुखार, खांसी जैसी बीमारियों से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह से ही अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने वाले बच्चों के परिजनों की भीड़ देखी जा रही है. डॉक्टरों ने सूखी ठंड और कोहरे को बीमारियों की वजह बताया है.
हॉस्पिटलों में बढ़ी रही मरीजों की संख्या: उत्तराखंड के मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक लगातार पूरे राज्य में ठंड का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. ऋषिकेश भी इससे अछूता नहीं है. गंगा किनारे होने की वजह से ऋषिकेश में दिन ढलने के बाद से अगले दिन तक कड़ाके की ठंड और कोहरे का प्रकोप देखा जा रहा है. जिसकी चपेट में छोटे बच्चे ज्यादा आ रहे हैं. खांसी, नजला जुकाम, बुखार जैसी बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या प्रतिदिन सरकारी अस्पताल में बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. सुबह 8 बजे से ही सरकारी अस्पताल में बच्चों को ओपीडी में डॉक्टरों से जांच कराने के लिए भीड़ लग रही है.
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जानिए डॉक्टर क्या दे रहे हिदायत: सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रोहित उपाध्याय ने बताया कि खांसी, नजला, जुकाम और बुखार बदलते मौसम की बीमारियां हैं. लेकिन इस बार सूखी ठंड होने की वजह से यह बीमारी बड़ों के साथ बच्चों पर ज्यादा अटैक करती हुई नजर आ रही है. ओपीडी में ज्यादातर इन्हीं बीमारियों से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों को इस सूखी ठंड में सावधानी बरतने की जरूरत है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को खराब होने से बचाया जा सके.रोहित उपाध्याय का कहना है कि बच्चों को ठंड में बाहर न निकालें. प्रतिदिन बच्चों को धूप में जरूर बैठाए, गर्म कपड़े अचानक ना बदले. इसके अलावा स्वास्थ्य खराब होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. अपनी मर्जी से बच्चों को दी जाने वाली दवाइयां नुकसानदायक साबित हो सकती हैं.