डोइवाला: बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने रानीपोखरी के भोगपुर स्थित चिल्ड्रन होम स्कूल के 12वर्षीय छात्र की मौत पर कई सवाल उठाए. उन्होंने छात्र की मौत पर सवाल उठाते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि छात्र की मौत उसके साथी छात्रों ने बिस्कुट चुराने की बात को लेकर बैट से जमकर पिटाई कर यातनाएं दी गई. बेहोश होने पर छात्र को स्कूल स्टाफ द्वारा जौलीग्रांट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि दोबारा पोस्टमार्टम में छात्र की मौत का कारण आंतरिक रक्त स्राव होना बताया गया है. जो स्कूल प्रबंध की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर रहा है.
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बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए हॉस्पिटल पर सवाल खड़े करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों द्वारा छात्र मौत का कारण फूड प्वाइजनिंग बताया गया. वहीं छात्र को क्रिश्चियन रीति रिवाज से दफना दिया गया. जब छात्र की मौत के मामले की शिकायत बाल संरक्षण आयोग से की तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए स्कूल का औचक निरीक्षण किया और छात्र के शव को निकालकर ऋषिकेश एम्स में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया.
जहां पोस्टमार्टम में छात्र की मौत का कारण आंतरिक रक्त स्राव होना बताया गया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले को स्कूल प्रबंधन ने छिपाए रखा. जिससे स्कूल प्रबंध की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. पूरे मामले पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि आगे ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की बात कही. साथ ही दोबारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए.