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ETV भारत पर जनता के सवाल, मुख्य सचिव के जवाब

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Published : May 19, 2020, 7:07 PM IST

Updated : May 19, 2020, 11:51 PM IST

खास बातचीत में ETV भारत ने आम जनता के सवालों को मुख्य सचिव के सामने रखा, जनता ने सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों के जरिए सवाल ETV भारत को भेजा था. मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जनता के इन सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया.

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ETV भारत पर जनता के सवाल, मुख्य सचिव के जवाब

देहरादून: प्रदेश में कोरोना और लॉकडाउन के प्रभाव से साथ ही तमाम गतिविधियों को लेकर ETV भारत ने प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से लेकर अबतक के हालातों पर विस्तार से बातचीत की.

ETV भारत पर जनता के सवाल, मुख्य सचिव के जवाब

इस खास बातचीत में ETV भारत ने आम जनता के सवालों को भी मुख्य सचिव के सामने रखा. जनता ने सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से ETV भारत को सवाल भेजा था. मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जनता के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य के लिए सरकार के रोडमैप को भी साझा किया.

सवाल - रजत(रुद्रपुर): रुद्रपुर में मजदूरों ने बिहार के लिए 70 हजार रुपये की बस बुक कराई. क्या आज भी कई मजदूरों तक सरकार नहीं पहुंच पा रही है. जिसके कारण मजदूर खुद ही अपनी व्यवस्थाओं में लगे हैं. ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है?

मुख्य सचिव का जवाब
मुख्य सचिव ने कहा कि उतावलेपन में उठाये गए कदम से नुकसान हो सकता है. इसमें एक तो पैसा खर्च होगा और दूसरा सुरक्षा भी नहीं होगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड के लोगों ने इस मामले में धैर्य का परिचय दिया है. मैं नहीं कहूंगा कि खुद ऐसा करें इसमें समस्या आ सकती है. कहीं पर भी खुद से जा रहे लोगों को रोका जा सकता है. ऐसा करने से संक्रमण का जोखिम भी ज्यादा है. सीएस ने कहा थोड़ा संयम रखा जाएगा तो हर सरकार अपने लोगों का ध्यान रख रही है.

सवाल- ललित वालिया(हरिद्वार) लॉकडाउन के दौर में सरकार ऑनलाइन पढ़ाई की बात करती है, लेकिन पहाड़ों में इसके लिए नेटवर्टक नहीं है, तो यह कैसे संभव है?
मुख्य सचिव का जवाब
पहाड़ों में नेटवर्क की परेशानी को देखते हुए दूरदर्शन के माध्यम से क्लास चलाई जा रही है. इसके लिए दूरदर्शन का सरकार को सहयोग मिला है. उत्तराखंड के अधिकांश घरों में टीवी है. इसके अलावा ऑनलाइन भी पढ़ाई की व्यवस्था की गई है. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार अन्य विकल्पों पर भी चर्चा कर रही है.

सवाल- उज्वल पंडित,तीर्थ पुरोहित : उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, जिस तरह से लॉकडाउन से सब ठप्प पड़ा है तो ऐसे में बिल्कुल असहाय हो चुके पंडित पुरोहितों के लिए सरकार की क्या योजना है?

मुख्य सचिव का जवाब
धार्मिक पर्यटन राज्य की आर्थिकी का एक आधार स्तम्भ है. लॉकडाउन से न केवल पंडित-पुरोहित बल्कि इससे जुड़े एक पूरे तंत्र पर असर पड़ा है. आज ये पूरा समाज बेरोजगार है. जिसमें प्रसाद वाले, फूल- मालाएं वाले, खच्चर वाले और न जाने प्रत्यक्ष और अप्रत्क्षय रूप से जुड़े कितने लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में सरकार की नजरें इन सब पर हैं. इनके लिए सभी प्रकार के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर काम कर रही है. साथ ही केंद्र से मिले राहत पैकेज से भी कुछ मदद मिलेगी.

सवाल-सुजाता पॉल(देहरादून): लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत होते ही लोग सड़कों पर निकल पड़े हैं. लॉकडाउन का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है. ऐसे स्थिति में सरकार क्या करेगी ?
मुख्य सचिव का जवाब
अभी देशभर में लॉकडाउन चल रहा है, खतरा अभी नहीं टाला है, बल्कि अगले 1-2 महीने बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. हमें पहले की तरह ही सम्पूर्ण लॉकडाउन का पालन करना ही होगा. सभी से अपील की है कि अनावश्यक बाहर न निकले. दुकान खुलने का आपके पास पर्याप्त समय है. बेवजह दुकानों में भीड़ ना लगाए. प्रवासी बंधुओं से अपील है कि वो क्वारंटीन का सख्ती से पालन करें, अन्यथा सख्त कानून बनाना पड़ेगा, जिससे जनता को परेशानी हो सकती है.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना और लॉकडाउन के प्रभाव से साथ ही तमाम गतिविधियों को लेकर ETV भारत ने प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कोरोना और लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से लेकर अबतक के हालातों पर विस्तार से बातचीत की.

ETV भारत पर जनता के सवाल, मुख्य सचिव के जवाब

इस खास बातचीत में ETV भारत ने आम जनता के सवालों को भी मुख्य सचिव के सामने रखा. जनता ने सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से ETV भारत को सवाल भेजा था. मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने जनता के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य के लिए सरकार के रोडमैप को भी साझा किया.

सवाल - रजत(रुद्रपुर): रुद्रपुर में मजदूरों ने बिहार के लिए 70 हजार रुपये की बस बुक कराई. क्या आज भी कई मजदूरों तक सरकार नहीं पहुंच पा रही है. जिसके कारण मजदूर खुद ही अपनी व्यवस्थाओं में लगे हैं. ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है?

मुख्य सचिव का जवाब
मुख्य सचिव ने कहा कि उतावलेपन में उठाये गए कदम से नुकसान हो सकता है. इसमें एक तो पैसा खर्च होगा और दूसरा सुरक्षा भी नहीं होगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड के लोगों ने इस मामले में धैर्य का परिचय दिया है. मैं नहीं कहूंगा कि खुद ऐसा करें इसमें समस्या आ सकती है. कहीं पर भी खुद से जा रहे लोगों को रोका जा सकता है. ऐसा करने से संक्रमण का जोखिम भी ज्यादा है. सीएस ने कहा थोड़ा संयम रखा जाएगा तो हर सरकार अपने लोगों का ध्यान रख रही है.

सवाल- ललित वालिया(हरिद्वार) लॉकडाउन के दौर में सरकार ऑनलाइन पढ़ाई की बात करती है, लेकिन पहाड़ों में इसके लिए नेटवर्टक नहीं है, तो यह कैसे संभव है?
मुख्य सचिव का जवाब
पहाड़ों में नेटवर्क की परेशानी को देखते हुए दूरदर्शन के माध्यम से क्लास चलाई जा रही है. इसके लिए दूरदर्शन का सरकार को सहयोग मिला है. उत्तराखंड के अधिकांश घरों में टीवी है. इसके अलावा ऑनलाइन भी पढ़ाई की व्यवस्था की गई है. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार अन्य विकल्पों पर भी चर्चा कर रही है.

सवाल- उज्वल पंडित,तीर्थ पुरोहित : उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, जिस तरह से लॉकडाउन से सब ठप्प पड़ा है तो ऐसे में बिल्कुल असहाय हो चुके पंडित पुरोहितों के लिए सरकार की क्या योजना है?

मुख्य सचिव का जवाब
धार्मिक पर्यटन राज्य की आर्थिकी का एक आधार स्तम्भ है. लॉकडाउन से न केवल पंडित-पुरोहित बल्कि इससे जुड़े एक पूरे तंत्र पर असर पड़ा है. आज ये पूरा समाज बेरोजगार है. जिसमें प्रसाद वाले, फूल- मालाएं वाले, खच्चर वाले और न जाने प्रत्यक्ष और अप्रत्क्षय रूप से जुड़े कितने लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में सरकार की नजरें इन सब पर हैं. इनके लिए सभी प्रकार के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर काम कर रही है. साथ ही केंद्र से मिले राहत पैकेज से भी कुछ मदद मिलेगी.

सवाल-सुजाता पॉल(देहरादून): लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत होते ही लोग सड़कों पर निकल पड़े हैं. लॉकडाउन का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है. ऐसे स्थिति में सरकार क्या करेगी ?
मुख्य सचिव का जवाब
अभी देशभर में लॉकडाउन चल रहा है, खतरा अभी नहीं टाला है, बल्कि अगले 1-2 महीने बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. हमें पहले की तरह ही सम्पूर्ण लॉकडाउन का पालन करना ही होगा. सभी से अपील की है कि अनावश्यक बाहर न निकले. दुकान खुलने का आपके पास पर्याप्त समय है. बेवजह दुकानों में भीड़ ना लगाए. प्रवासी बंधुओं से अपील है कि वो क्वारंटीन का सख्ती से पालन करें, अन्यथा सख्त कानून बनाना पड़ेगा, जिससे जनता को परेशानी हो सकती है.

Last Updated : May 19, 2020, 11:51 PM IST

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