देहरादूनः सचिवालय में मुख्य सचिव एसएस संधू ने सहकारिता विभाग के तहत पैक्स की बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियां के माध्यम से गरीब लोगों की आर्थिकी को बढ़ाया जा सकता है. लिहाजा, सभी जिलाधिकारी उनके जिलों में मौजूद पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का काम जल्द से जल्द पूरा करें. इतना ही नहीं जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि उनके जिलों में मौजूद पैक्स का वो समय-समय पर निरीक्षण करें. साथ ही जिला स्तरीय निगरानी एवं क्रियान्वयन समितियां के तहत पैक्सों की समीक्षा भी करें.
मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि पैक्स के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराकर छोटे काश्तकारों, गरीब मजदूरों को सीधा फायदा पहुंचाया जा सकता है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैस वितरण एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के आवंटन में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को वरीयता दी जाए. इसके लिए पैक्स से ओर से तय तिथि तक आवेदन कराए जाने के भी निर्देश दिए.
सीएस संधू ने कहा कि केंद्र सरकार की विकेंद्रीकृत अन्न भंडारण योजना के तहत सभी जिलों में अन्न भंडारण के लिए भूमि चिन्हित कर पैक्स को आवंटित की जाए. साथ ही पैक्स को इसके संचालन की अनुमति दी जाए. उन्होंने इसमें स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल करने को कहा. इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के खरीद और वितरण में भी पैक्स को शामिल करने के निर्देश दिए.
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उन्होंने कहा कि इससे उत्पादों की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया भी छोटी होगी. क्योंकि, उत्तराखंड के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के उत्पादों को पहले खरीद कर नीचे लाया जाता है, फिर दोबारा से वापस पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में बांटने के लिए भेजा जाता है. ऐसे में अगर पैक्स के जरिए उत्पादों की खरीद और बिक्री कर साथ ही अन्न भंडारण गृहों में रखे जाएं तो ये प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी. इससे बिचौलियों का सिस्टम भी खत्म हो जाएगा. जिसका सीधा लाभ स्थानीय पैक्स सदस्यों और किसानों को मिलेगा. उन्होंने गन्ना समितियों को भी इसमें शामिल कर ज्यादा से ज्यादा पैक्स बनाने के भी निर्देश दिए.
वहीं, मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि प्रदेश के खाली पड़े स्कूलों और सरकारी भवनों का भी जरूरत के अनुसार पैक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन भी पैक्स के माध्यम से कराए जाने पर जोर दिया. साथ उन्होंने जो बेरोजगार फार्मासिस्ट हैं, उसकी जानकारी फार्मासिस्ट काउंसिल से लेकर इसमें जोड़ने को कहा. उन्हें ड्रग लाइसेंस भी उपलब्ध कराने की बात कही. उन्होंने कि सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को खोलने के लिए स्थान भी उपलब्ध कराएं.