देहरादून: सचिवालय में मुख्य सचिव एसएस संधू की अध्यक्षता में सिडकुल निदेशक मंडल की 55वीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस दौरान यूएस नगर के खुरतिया में एकीकृत विनिर्माण केंद्र यानी इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किए जाने का फैसला लिया गया. वहीं, मुख्य सचिव ने बाजपुर चीनी मिल में इथेनॉल प्लांट स्थापित करने को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक की.
सिडकुल बैठक में फैसले: सिडकुल की बैठक में निर्णय लिया गया कि उधम सिंह नगर स्थित खुरतिया में अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर एआईसी परियोजना के तहत भारत सरकार की संस्था के साथ संयुक्त रूप से एकीकृत विनिर्माण केंद्र यानी इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया जाएगा.
जिसके लिए शेयर होल्डर एग्रीमेंट और स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. आज बोर्ड ने भी इसकी स्वीकृति दे दी. इसके लिए संयुक्त उपक्रम कंपनी ज्ञानी ज्वाइंट वेंचर के गठन की भी स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें आगामी 5 सालों के लिए 50 हजार करोड़ का पूंजी निवेश और लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार दिए जाने की कार्य योजना को धरातल पर उतर जाएगा.
काशीपुर में अरोमा पार्क में उद्योगों को आवंटित भूमि की दर के निर्धारण के संबंध में भी निदेशक मंडल में चर्चा की गई. सर्वसम्मति से अरोमा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि की पूर्व निर्धारित दर 2800 प्रति वर्ग किलोमीटर में कमी करते हुए इसे 2500 प्रति वर्ग किलोमीटर करने का फैसला लिया गया.
आपको बता दें कि काशीपुर में पार्क की स्थापना से जहां राज्य में 1000 युवाओं को रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर प्राप्त होंगे. वहीं, अप्रत्यक्ष रूप से तकरीबन 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. सिडकुल की बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया कि महिलाओं और पूर्व सैनिकों को सिडकुल के औद्योगिक स्थानों में भूमि आवंटन के लिए निर्धारित दर में 5 पर्सेंट की छूट दी जाएगी.
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बाजपुर चीनी मिल में इथेनॉल प्लांट: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू की अध्यक्षता में बाजपुर स्थित चीनी मिल में इथेनॉल प्लांट लगाने को लेकर बैठक की गई. चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को अधिक सुदृ़ढ़ किये जाने के उद्देश्य से बाजपुर चीनी मिल परिसर में 100 के.एल.पी.डी क्षमता के प्रस्तावित पीपीपी मोड पर बी-हेवी मोलासिवस इथेनॉल प्लांट शीघ्र लगाने के मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये.
बैठक में सीएस ने कहा कि इस संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार की वांछित अनापत्ति शीघ्रता से प्राप्त की जाए और अन्य प्रक्रिया को भी तेजी से पूरा किया जाए. उन्होंने बाजपुर सहकारी चीनी मिल परिसर में जो भी निर्माण गतिविधियां संचालित की जानी है और किस उत्पाद निर्माण से किस तरह का आउटकम मिलता है, उन सभी का विवरण भी प्रस्तुत करने को कहा.