देहरादून: उत्तराखंड में सबसे खराब 10 योजनाओं से जुड़े अधिकारियों की अब खुद मुख्य सचिव एसएस संधू क्लास लेंगे. मुख्य सचिव एसएस संधू ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की वस्तुस्थिति का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि केन्द्रीय योजनाओं का राज्य विकास में बेहतर सदुपयोग और राज्य की जनता को उसका समुचित लाभ दिलाने के लिए उनका गंभीरता से और संजीदगी से इम्प्लीमेंटेशन करें.
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उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में जिस स्तर पर जो भी विभिन्न बाधाएं आ रही हैं उनको तत्काल दूर करें. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि सभी विभाग अपने सभी कार्यों का वार्षिक कैलेंडर बनाएं और उसके अनुरूप कार्य करें. कहा कि भारत सरकार से प्राप्त होने वाले वित्त के समुचित सदुपयोग करने के लिये विभागीय स्तर पर की जाने वाली जरूरी प्रक्रियाओं को पहले ही पूरा कर लें. उसको अंतिम समय (जीरो टाइम) के लिए लंबित न रखें.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि विकास कार्यों से सम्बन्धित जो प्रस्ताव भारत सरकार को अगले वर्ष जाने हैं, उन सभी की विभागीय और राज्य स्तर पर की जाने वाली विभिन्न औपचारिकताएं पहले से ही पूरे कर लें. ताकि भारत सरकार से सम्बन्धित योजना और मद में शीघ्रता से पैसा प्राप्त हो सके.
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मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि सभी विभाग मासिक भौतिक प्रगति व विभागीय प्रगति रिपोर्ट इत्यादि नियोजन विभाग के ई-आकलन पोर्टल पर निर्धारित प्रारूप में प्रेषित करें. कहा कि आगे से नियोजन विभाग के पोर्टल में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ही विभागों के कार्यों की समीक्षा की जायेगी.
उन्होंने कहा कि वे सबसे कम प्रगति की 10 योजनाओं की मासिक समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि जिन भी विभागों के भारत सरकार के स्तर पर विभिन्न कारणों से विकास योजनाओं से सम्बन्धित मुद्दे लम्बित हैं, उनका विवरण नियोजन विभाग को उपलब्ध करवायें और भारत सरकार में स्थानीय आयुक्त से भी उसका नियमित रूप से अपडेट करवायें.
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी विभागों को केन्द्रीय स्कीमों के उपयोगिता प्रमाण पत्र यथाशीघ्र भारत सरकार को प्रेषित करने के विभागों को निर्देश दिये, जिससे उन योजना और मदों में शीघ्रता से पैसा प्राप्त हो सके. कहा कि इस संबंध में विभाग भारत सरकार स्तर पर लगातार पहल भी करते रहें.