देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में बुधवार को अधिकारियों ने बैठकों में खूब पसीना बहाया. अधिकारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ होने वाली समीक्षा बैठकों को लेकर तैयारी में जुटे हुए थे. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्द ही समीक्षा बैठक कर विभागों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने वाले हैं. बड़ी बात यह है कि इन समीक्षा बैठकों में मंत्रियों की परफॉर्मेंस को भी तय किया जा जायेगा.
त्रिवेंद्र सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में मंत्रियों की परफॉर्मेंस उनके विभागों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से तय होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विभाग वार समीक्षा बैठक करने जा रहे हैं. जिसमें विभागों की विकास कार्यों को लेकर प्रगति रिपोर्ट देखी जाएगी.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली में होने के बावजूद उत्तराखंड सचिवालय में अधिकारी बुधवार को बैठकों में व्यस्त दिखाई दिए. अधिकारियों की व्यस्तता त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा की जाने वाली समीक्षा बैठक को लेकर तैयारियों से जुड़ी थी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विभाग वार समीक्षा बैठकें करने जा रहे हैं. जिसमें विभागों में हुई विकास योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट देखी जाएगी. हालांकि इसे विभागों में हो रहे कामों की समीक्षा के रूप में बताया जा रहा है, लेकिन इन समीक्षा बैठकों के जरिए मुख्यमंत्री मंत्रियों की भी परफॉर्मेंस चेक कर सकेंगे. दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार के करीब ढाई साल के कार्यकाल में विभागों की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री की मौजूदगी में अधिकारियों से फीडबैक लेंगे.
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करना चाहते हैं. ऐसे में इन समीक्षा बैठकों के जरिए इस पर भी मूल्यांकन किया जा सकेगा. समीक्षा बैठक के दौरान सबसे पहले मुख्यमंत्री ऊर्जा, आबकारी, गृह और लोक निर्माण विभाग की समीक्षा करेंगे. यह सभी विभाग मुख्यमंत्री के पास ही हैं.
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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इससे पहले भी समीक्षा बैठकें कर चुके हैं. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए थे. लेकिन इस बार की समीक्षा को मंत्रियों की परफॉर्मेंस चेक करने के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों पर कार्रवाई का डंडा भी चल सकता है.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत न केवल खुद के विभागों में हो रही प्रगति रिपोर्ट को जानना चाहते हैं, बल्कि मंत्रियों द्वारा किए जा रहे कामों का भी बारीकी से मूल्यांकन करना चाहते हैं. इसके आधार पर आगामी मंत्रिमंडल में बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं.
सत्ताधारी पार्टी बीजेपी मानती है कि मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी चेक की जानी चाहिए ताकि विभागीय मंत्री का भी मूल्यांकन हो सके. हालांकि पार्टी के नेता सरकार के सभी मंत्रियों की परफॉर्मेंस बेहतर होने की बात भी कह रहे हैं.