देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पेयजल की शुद्धता के लिये प्रत्येक ब्लॉक एवं महाविद्यालयों में वाटर टेस्टिंग लेब की स्थापना की कार्य योजना बनायी जाए. पेयजल जन स्वास्थ्य से जुड़ा मामला होने के कारण पेयजल की शुद्धता पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
- गर्मी के मौसम में प्रदेश के जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी की आशंका रह सकती है, ऐसे क्षेत्रों को 15 दिन में चिन्हित करने के निर्देश.
- गर्मियों में उन क्षेत्रों के लिये पेयजल उपलब्ध कराने की कार्य योजना भी बनाई जाए.
- नगरीय क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति हेतु अर्बन जल जीवन मिशन की भी कार्य योजना तैयार करने के निर्दश.
- सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की उपलब्धता का लक्ष्य अविलम्ब पूर्ण किया जाए.
- जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जो कनेक्शन दिये जा रहे हैं, उसमें निर्धारित मानकों का पालन करते हुए लक्ष्य निर्धारित किये जाए.
- मुख्यमंत्री ने जलजीवन मिशन के तहत जनपद हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में संचालित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने को कहा.
- योजना को समय पर पूर्ण करने के लिये यदि अतिरिक्त कार्मिकों की जरूरत हो तो इसकी भी व्यवस्था तत्काल किये जाने के निर्देश.
- जिलाधिकारी भी इसकी नियमित निगरानी रखें.
- जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित किया जाए.
- हर घर नल एवं शुद्ध जल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी संबधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें.
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सचिव नितेश झा ने बैठक में जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के ग्रामीण क्षेत्र में 14.26 लाख कनेक्शन दिये जाने हैं, जिसमें से 3.96 लाख कनेक्शन इस वर्ष दिये गये हैं, जबकि योजना के तहत अब तक 6.13 लाख कनेक्शन दिये गये है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 176.41 करोड़ स्वीकृत करने के साथ ही 145.11 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 18,691 स्कूलों में से 16,559 स्कूलों और 16,853 आंगनबाड़ी में से 13,444 में नल से पानी उपलब्ध कराया जा चुका है. इस वर्ष चमोली, देहरादून एवं बागेश्वर में हर घर पानी पंहुचाने का लक्ष्य रखा गया है.