देहरादून: उत्तराखंड में अब तक जिस खनन को काले कारोबार के रूप में जाना जाता था, वो अब आम लोगों के लिए भी फायदे का काम होगा. उत्तराखंड में खनन न केवल बच्चों के क्लास रूम की सूरत बदल देगा, बल्कि आम लोगों के लिए जरूरी विकास कार्यों की मूलभूत व्यवस्थाओं को भी जुटाएगा.
खनन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कुछ ऐसे ही निर्देश मुख्यमंत्री की तरफ से अधिकारियों को दिए गए हैं. छात्रों को क्लास रूम में जरूरी सुविधाएं देने के लिए खनन से मिलने वाले राजस्व का उपयोग किया जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के निर्देश के बाद अब जिला खनन न्यास से मिलने वाले धन को स्कूली शिक्षा में फर्नीचर खरीद जैसे कामों में भी लगाया जाएगा. सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने खनन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने बैठक में जिला खनिज न्यास से मिलने वाले राजस्व को खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के हितों में लगाए जाने की बात कही. इस धन का उपयोग न केवल स्कूली छात्रों के हितों को लेकर स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था करने को लेकर किया जाएगा, बल्कि पेयजल योजनाओं के सुधारीकरण, आंगनबाड़ी केंद्र बनवाने और दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन की व्यवस्था करने जैसे कामों में भी इसका उपयोग होगा.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने हरण से प्राप्त होने वाले राजस्व को तय लक्ष्य तक पहुंचाने पर जोर दिया. खासकर देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में अधिकारियों को खनन को लेकर खास ध्यान देने के आदेश दिए गए.
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बैठक के दौरान अवैध खनन को रोके जाने पर भी चर्चा की गई. इस दौरान जीआईएस आधारित माइनिंग सर्विलांस सॉफ्टवेयर और आम लोगों की शिकायत के लिए मोबाइल एप तैयार करने के भी आदेश दिए गए. इसके अलावा जीपीएस आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए खनिजों के परिवहन की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने का भी निर्णय लिया गया.