देहरादून: आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अचानक गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय का निरीक्षण किया. दफ्तर में अधिकारी-कर्मचारियों को सीएम के दौरे का आभास नहीं था. जब सीएम कार्यालय पहुंचे तो गढ़वाल कमिश्नर भी मौके पर मौजूद नहीं थे. एमडीडीए की कुछ फाइलों के अवलोकन के लिए सीएम के कहने पर कर्मचारियों ने अलमारी का ताला तोड़ा. दफ्तर में तमाम गतिविधियों को देखते हुए सीएम का पारा चढ़ गया. उन्होंने ऑफिस के कुछ कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत आज सुबह 10 बजे सचिवालय से निकले और काफिले को गढ़वाल कमिश्नरी जाने का फरमान दिया. एक बार तो काफिले में मौजूद अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए. उन्हें सीएम के इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी. कुछ ही देर में सीएम काफिले के साथ गढ़वाल कमिश्नरी ऑफिस पहुंच गए.
ऑफिस में नहीं मिले कमिश्नर
ऐसी जानकारी मिली है कि जिस वक्त मुख्यमंत्री कमिश्नर गढ़वाल के ऑफिस पहुंचे. कैंप ऑफिस में उस वक्त कमिश्नर रविनाथ रमन कार्यालय में नहीं थे. जबकि वक्त उस समय 10:30 के करीब हो रहा था. इसके बाद कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों से मुख्यमंत्री ने पंजीकरण पुस्तिका भी तलब की. कर्मचारियों की हाजिरी देखी. तब तक कमिश्नर रविनाथ रमन भी कार्यालय पहुंच गए.
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तोड़ना पड़ा अलमारी का ताला
कमिश्नर के दफ्तर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कई विषयों पर उनसे जानकारी ली. इसके अलावा एमडीडीए की फाइलों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने जानकारी ली. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एमडीडीए वीसी को कमिश्नरी बुलाया गया. फिर सीएम ने एमडीडीए की तमाम फाइलों को लेकर जानकारी ली. इस दौरान जिस अलमारी में एमडीडीए की सभी फाइलें रखी गई थी, उसकी चाभी जिस कर्मचारी के पास थी, वह कार्यालय में मौजूद नहीं था. इसके बाद अलमारी का ताला तोड़ना पड़ा.
मुख्यमंत्री के विधानसभा से जुड़ा है मामला
मिली जानकारी के अनुसार, एमडीडीए से जुड़ी फाइलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कई जानकारियां ली. इसके अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा में बनने जा रहे हर्रावाला अस्पताल को लेकर भी जानकारी ली गई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव ओम प्रकाश भी मौजूद थे.
कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश
गढ़वाल कमिश्नर के देहरादून स्थित कैंप ऑफिस में पाई गई तमाम अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री नाराज नजर आए. उन्होंने कमिश्नरी ऑफिस के कुछ कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किन कर्मचारियों पर गाज गिरी है.