छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश): जब हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना नामुमकिन नहीं होता. ऐसे ही एक सपना छिंदवाड़ा के एक छोटे से गांव की बेटी मोनिका ने देखा और हौसले के दम पर साकार भी किया. हनोतिया गांव की रहने वाली मोनिका परिहार ने बॉल बैडमिंटन खेल में सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हिंदुस्तान का झंडा बुलंद किया और अपने खेल के दम पर गोल्ड मेडल हासिल किया.
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इंडो-मलेशिया बॉल बैडमिंटन में रही चैंपियन
मोनिका परिहार ने अपने देश में खेलते-खेलते मलेशिया में भी अपने सफलता के झंडे गाड़े हैं. 2018 में इंडो-मलेशिया बॉल बैडमिंटन टूर्नामेंट मलेशिया में वो विनर रहीं. मोनिका बताती हैं कि उनको खेल का शौक है इसलिए उन्होंने इसी को अपना करियर बनाया है. मोनिका अब छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज में कोच हैं, जो बच्चों को खेल के गुर सिखा रही हैं.
सरकार से उम्मीदें कि बेटियों को भी दें तवज्जो
मोनिका परिहार कहती हैं कि मध्य प्रदेश की पिछली शिवराज सरकार में घोषणा की गई थी कि खेल क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली बेटियों को वे पुलिस में नौकरी देंगे. मोनिका का सपना हे कि वो भी पुलिस में जाएं, लेकिन सरकार की घोषणा पर अमल नहीं हुआ, जिसकी वजह से वे प्राइवेट जॉब करने को मजबूर हैं.