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तीर्थनगरी में छठ पूजा की तैयारियां पूरी, पर्व को लेकर नागरिकों में भारी उत्साह

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Published : Oct 31, 2019, 3:09 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 3:57 PM IST

त्रिवेणी घाट पर छठ पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. त्रिवेणी घाट पर एक बड़े स्टेज के साथ-साथ भव्य पंडाल भी लगाया जा रहा है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले सकें.

तीर्थनगरी में छठ पूजा की तैयारियां पूरी.

ऋषिकेश: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर तीर्थनगरी में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्योहार चार दिनों तक चलता है. मुख्य पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के छठे दिन मनाया जाता है. इसके लिए तीर्थ नगरी में तैयारियां जोरों से चल रही हैं.

तीर्थनगरी में छठ पूजा की तैयारियां पूरी.

तीर्थनगरी के त्रिवेणी घाट पर छठ पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. त्रिवेणी घाट पर एक बड़े स्टेज के साथ-साथ भव्य पंडाल भी लगाया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले सकेंगे. श्रद्धालु गंगा के किनारे पर बेदी बनाकर पूजा करते हैं. कुछ ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो अपने घर से दंडवत करके गंगा के तट तक पहुंचते हैं. छठ पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है.

ये भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाला: पूर्व प्रिंसिपल अपर्णा गर्ग गिरफ्तार, कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज

छठ का भोजपुरी में अर्थ होता है छठा दिन. कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्योहार चार दिनों तक चलता है. मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है. इस वर्ष छठ पूजा का पर्व 31 अक्टूबर से शुरू होकर 2 नवंबर तक मनाया जाएगा. मुख्य पूजा 1 नवंबर को होगी.

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाने वाला ये त्योहार अब पूरे भारत में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है. इस दिन सूर्य की भी पूजा की जाती है. माना जाता है जो व्यक्ति छठ माता की इन दिनों पूजा करता है, छठ माता उनकी संतानों की रक्षा करती हैं.

ऋषिकेश: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर तीर्थनगरी में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्योहार चार दिनों तक चलता है. मुख्य पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के छठे दिन मनाया जाता है. इसके लिए तीर्थ नगरी में तैयारियां जोरों से चल रही हैं.

तीर्थनगरी में छठ पूजा की तैयारियां पूरी.

तीर्थनगरी के त्रिवेणी घाट पर छठ पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. त्रिवेणी घाट पर एक बड़े स्टेज के साथ-साथ भव्य पंडाल भी लगाया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले सकेंगे. श्रद्धालु गंगा के किनारे पर बेदी बनाकर पूजा करते हैं. कुछ ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो अपने घर से दंडवत करके गंगा के तट तक पहुंचते हैं. छठ पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है.

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छठ का भोजपुरी में अर्थ होता है छठा दिन. कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्योहार चार दिनों तक चलता है. मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है. इस वर्ष छठ पूजा का पर्व 31 अक्टूबर से शुरू होकर 2 नवंबर तक मनाया जाएगा. मुख्य पूजा 1 नवंबर को होगी.

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाने वाला ये त्योहार अब पूरे भारत में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है. इस दिन सूर्य की भी पूजा की जाती है. माना जाता है जो व्यक्ति छठ माता की इन दिनों पूजा करता है, छठ माता उनकी संतानों की रक्षा करती हैं.

Intro:ऋषिकेश--लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर तीर्थनगरी में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है, तीर्थ नगरी में छठ पर्व को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर छठ पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर है त्रिवेणी घाट पर एक बड़े स्टेज के साथ साथ भव्य पांडाल भी लगाया जा रहा है ताकि यहाँ आने वाले श्रधालु रंगा रंग कार्यक्रम का आनंद ले सकें यही नही और भी कई तरह की तैयारियां छठ के पर्व  पर की जा रही हैं श्रधालु गंगा के किनारे पर अपनी अपनी बेदी बनाकर पूजा करते हैं  कुछ ऐसे भी श्रधालु है जो अपने घर से दंडवत करके गंगा के तट तक पहुँचते हैं छठ पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है। दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्योहार आता है छठ पूजा। इस पर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे छठ. छठी, डाला छठ, डाला पूजा, सूर्य षष्ठी। ये पर्व सूर्य और उसकी शक्ति को समर्पित होता है। इस दिन लोग सूर्य को अच्छी सेहत देने, खुशियां और उनकी रक्षा करने के लिए धन्यवाद करते हैं। छठ का भोजपुरी में अर्थ  होता है छठा दिन। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है। इस वर्ष छठ पूजा का पर्व 31 नवंबर से शुरु होकर 02 नवंबर तक मनाया जाएगा। मुख्य पूजा 1 नवंबर को की जाएगी। छठ पूजा उत्तर भारत खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दौरान सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है। 




Conclusion:वी/ओ--श्रधालुओं में छठ को लेकर काफी उत्साह बना रहता है और पूरे वर्ष श्रधालु इस पर्व का बेसब्री से इन्तजार करते हैं पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मानाया जाने वाला यह त्यौहार अब पूरे भारत में मनाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है। इस दिन सूर्य की भी पूजा की जाती है। माना जाता है जो व्यक्ति छठ माता की इन दिनों पूजा करता है छठ माता उनकी संतानों की रक्षा करती हैं।

बाईट--राम कृपाल गौतम(आयोजक)
Last Updated : Oct 31, 2019, 3:57 PM IST
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