देहरादून: हरिद्वार में आयोजित होने वाले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक महोत्सव महाकुंभ की सुरक्षा पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा करना पुलिस की प्राथमिकता है. ऐसे में सबसे पहले और कम समय में घटना स्थल पर पहुंचने वाली चीता पुलिस की सरकारी बाइक अब पुरानी हो गईं हैं, जिससे पुलिस जवानों को घटनास्थल पर जाने में खासी मशक्कत उठानी पड़ रही है. ऐसे में महाकुंभ जैसे विश्व स्तर के आयोजन में चीता पुलिस के पास मौजूद खस्ताहाल गाड़ियों से कैसे पेट्रोलिंग की जाएगी यह बड़ा सवाल है.
![Cheetah Police Bike](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10126621_pic-1.jpg)
लाखों किलोमीटर चल चुकी हैं चीता बाइक !
जानकारी मिली है कि हरिद्वार कोतवाली हो या कुंभ क्षेत्र में पढ़ने वाले अलग-अलग थाना चौकी. यहां साल 2009 में चीता पुलिस के लिए गाड़ियां खरीदी गई थीं. जानकारी के अनुसार ये गाड़ियां पिछले 11 साल में लगभग 2 से 3 लाख किलोमीटर तक चल चुकीं हैं. हालांकि, समय-समय पर रिपेयरिंग भी की जाती है. लेकिन अब यह गाड़ियां इतनी दमदार नहीं रह गई हैं, कि किसी अपराधी का पीछा कर सकें.
![Cheetah Police Bike](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10126621_pic-2.jpg)
सीमित ईंधन की बड़ी समस्या
वहीं, चीता पुलिस की इन खस्ताहाल बाइकों का दूसरा पहलू यह भी है कि चीता पुलिस को प्रतिदिन एक लीटर ईंधन और लगभग प्रतिमाह 35 लीटर तक तेल (ईंधन) उपलब्ध कराया जाता है, जो असल में पेट्रोलिंग के लिए नाकाफी है. ऐसे में महाकुंभ के लिए इन गाड़ियों की न तो हालत सही है और न ही उनको मिलने वाले ईंधन की स्थिति सही नजर आ रही है.
![Cheetah Police Bike](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10126621_pic-3.jpg)
नए वाहनों को खरीदने का कवायद जारी : डीआइजी गढ़वाल
इस मामले में गढ़वाल डीआईजी नीरू गर्ग का मानना है कि पुलिस मॉर्डनाइजेशन के तहत लगातार मुख्यालय स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. सीएसआर सिस्टम के तहत नई गाड़ियों को खरीदने की कवायद जारी है, ताकि जल्द से जल्द पुलिस की गाड़ियों वाली व्यवस्था को सुधारा जा सके. डीआईजी ने कहा कि जहां तक चीता पुलिस के पुराने वाहनों की बात है, उसकी शुरुआत आधुनिक संसाधनों लैस चीता पुलिस की शुरुआत देहरादून जनपद में प्रथम चरण से हो रही है.