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चारधाम यात्रा पर इस साल खतरे के बादल, जानिए क्या है वजह?

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेगी. इसके लिए मजबूती से सरकार का पक्ष रखा जाएगा. हालांकि इस साल यात्रा पर खतरे के ही बादल मंडरा रहे हैं.

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चारधाम यात्रा के संचालन पर खतरे के बादल
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Published : Aug 4, 2021, 5:24 PM IST

देहरादून: इस सीजन में भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. पिछले साल चारधाम की यात्रा एक जुलाई से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो गई थी. जिसके चलते उत्तराखंड चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित चारधाम यात्रा को शुरू करने की लगातार मांग कर रहे हैं. मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण चारधाम यात्रा को फिलहाल 18 अगस्त तक स्थगित किया गया है. मगर वर्तमान में जो हालात उत्तराखंड में देखने को मिल रहे हैं उससे साफ जाहिर है कि इस सीजन में चारधाम की यात्रा का संचालन होना संभव नहीं है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? जानिए इस रिपोर्ट में...

पर्यटन, उत्तराखंड के रीढ़ की हड्डी माना जाता है. जिसकी मुख्य वजह है कि पर्यटन गतिविधियों से लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. हालांकि, कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद जहां पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है वहीं, चारधाम यात्रा भी फिलहाल स्थगित है. यही नहीं, चारधाम यात्रा का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से फिलहाल चारधाम यात्रा संचालित नहीं हो पा रही है. जिसके चलते उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

चारधाम यात्रा के संचालन पर खतरे के बादल

पढ़ें- मिशन 2022: ऋषिकेश में कांग्रेस प्रदेश कोर कमेटी का तीन दिवसीय मंथन शिविर शुरू

यात्रा संचालन का मामला कोर्ट में है विचाराधीन: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से चारधाम यात्रा पर नैनीताल हाईकोर्ट ने जुलाई महीने में रोक लगा दी थी. जिसके बाद से ही चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर कई बार सुनवाई हुई. कोर्ट चारधाम यात्रा को हर बार स्थगित करता रहा. जिसके बाद चारधाम यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर दी. जिसके बाद बीते दिनों हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा का निर्णय सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया.

पढ़ें- उत्तराखंड में कुल 2196 बच्चों को 21 वर्ष तक मिलेगा 'वात्सल्य', योजना की शुरुआत

मगर अभी तक इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई है. न ही अभी तक सुनवाई की कोई तिथि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को मिली है. ऐसे में चारधाम की यात्रा पर कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में चारधाम की यात्रा शुरू होने की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं.

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मॉनसून का पड़ेगा चारधाम यात्रा पर असर: हर सीजन में मॉनसून के दौरान चारधाम की यात्रा काफी प्रभावित होती रही है. प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते कई बार भूस्खलन या आपदा जैसे हालात बन जाते हैं. लिहाजा मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम होती है. वर्तमान समय अभी भी करीब एक से डेढ़ महीना मॉनसून सीजन का बचा हुआ है. जिसके चलते इस बार चारधाम यात्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अगर चारधाम यात्रा वर्तमान समय में शुरू भी कर दी जाती है तो चारधाम यात्रा सही ढंग से संचालित नहीं हो पाएगी.

पढ़ें- उत्तराखंड के CM धामी के 'राजकाज' का 1 महीना पूरा, जानिए कहां बने चैंपियन, कहां फंसा मैच

कोरोना की संभावित तीसरी लहर की दस्तक: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दस्तक के बाद पिछले साल और इस साल भी चारधाम की यात्रा काफी प्रभावित हुई है. पिछले साल संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद चारधाम की यात्रा चरणबद्ध तरीके से एक जुलाई से शुरू कर दी गई थी. इस साल संक्रमण के प्रकोप की वजह से चारधाम की यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. वहीं, सितंबर महीने में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दस्तक के दृष्टिगत चारधाम यात्रा पर फर्क पड़ना लाजमी है. ऐसे में अगर सितंबर महीने में ही कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देती है तो चारधाम की यात्रा संचालित नहीं हो पाएगी.

पढ़ें-ल कभी MIG-21 को देख दुश्मन की छूटती थी कंपकंपी, अब दून में बना दिलों की धड़कन

सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से की जाएगी पैरवी: वहीं, इस मामले पर पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए समय बहुत कम बचा है. 6 महीने ही चारधाम की यात्रा संचालित होती है. ऐसे में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चारधाम यात्रा शुरू किए जाने की पैरवी करेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है, लिहाजा चारधाम यात्रा शुरू होनी चाहिए. चारधाम यात्रा स्थगित होने से तीर्थ पुरोहितों और पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से पैरवी की जाएगी.

देहरादून: इस सीजन में भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. पिछले साल चारधाम की यात्रा एक जुलाई से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो गई थी. जिसके चलते उत्तराखंड चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित चारधाम यात्रा को शुरू करने की लगातार मांग कर रहे हैं. मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण चारधाम यात्रा को फिलहाल 18 अगस्त तक स्थगित किया गया है. मगर वर्तमान में जो हालात उत्तराखंड में देखने को मिल रहे हैं उससे साफ जाहिर है कि इस सीजन में चारधाम की यात्रा का संचालन होना संभव नहीं है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? जानिए इस रिपोर्ट में...

पर्यटन, उत्तराखंड के रीढ़ की हड्डी माना जाता है. जिसकी मुख्य वजह है कि पर्यटन गतिविधियों से लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. हालांकि, कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद जहां पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है वहीं, चारधाम यात्रा भी फिलहाल स्थगित है. यही नहीं, चारधाम यात्रा का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से फिलहाल चारधाम यात्रा संचालित नहीं हो पा रही है. जिसके चलते उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

चारधाम यात्रा के संचालन पर खतरे के बादल

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यात्रा संचालन का मामला कोर्ट में है विचाराधीन: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से चारधाम यात्रा पर नैनीताल हाईकोर्ट ने जुलाई महीने में रोक लगा दी थी. जिसके बाद से ही चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर कई बार सुनवाई हुई. कोर्ट चारधाम यात्रा को हर बार स्थगित करता रहा. जिसके बाद चारधाम यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर दी. जिसके बाद बीते दिनों हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा का निर्णय सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया.

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मगर अभी तक इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई है. न ही अभी तक सुनवाई की कोई तिथि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को मिली है. ऐसे में चारधाम की यात्रा पर कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में चारधाम की यात्रा शुरू होने की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं.

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मॉनसून का पड़ेगा चारधाम यात्रा पर असर: हर सीजन में मॉनसून के दौरान चारधाम की यात्रा काफी प्रभावित होती रही है. प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते कई बार भूस्खलन या आपदा जैसे हालात बन जाते हैं. लिहाजा मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम होती है. वर्तमान समय अभी भी करीब एक से डेढ़ महीना मॉनसून सीजन का बचा हुआ है. जिसके चलते इस बार चारधाम यात्रा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अगर चारधाम यात्रा वर्तमान समय में शुरू भी कर दी जाती है तो चारधाम यात्रा सही ढंग से संचालित नहीं हो पाएगी.

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कोरोना की संभावित तीसरी लहर की दस्तक: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दस्तक के बाद पिछले साल और इस साल भी चारधाम की यात्रा काफी प्रभावित हुई है. पिछले साल संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद चारधाम की यात्रा चरणबद्ध तरीके से एक जुलाई से शुरू कर दी गई थी. इस साल संक्रमण के प्रकोप की वजह से चारधाम की यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. वहीं, सितंबर महीने में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दस्तक के दृष्टिगत चारधाम यात्रा पर फर्क पड़ना लाजमी है. ऐसे में अगर सितंबर महीने में ही कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देती है तो चारधाम की यात्रा संचालित नहीं हो पाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से की जाएगी पैरवी: वहीं, इस मामले पर पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए समय बहुत कम बचा है. 6 महीने ही चारधाम की यात्रा संचालित होती है. ऐसे में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चारधाम यात्रा शुरू किए जाने की पैरवी करेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है, लिहाजा चारधाम यात्रा शुरू होनी चाहिए. चारधाम यात्रा स्थगित होने से तीर्थ पुरोहितों और पर्यटन गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से पैरवी की जाएगी.

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