देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 1 जुलाई से चारधाम यात्रा को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत सिर्फ प्रदेश के श्रद्धालु ही चारधाम यात्रा कर पाएंगे. यात्रा को लेकर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने एसओपी जारी कर दी है. चारधाम पर जाने वाले श्रद्धालुओं को शर्तों के साथ यात्रा की मंजूरी दी गई है. सुरक्षा के दृष्टिगत किसी भी श्रद्धालु को मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश की इजाजत नहीं रहेगी. मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को हाथ धोना अनिवार्य किया गया है.
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में रहने वाले किसी भी शख्स की चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को क्वारंटाइन की अविधि पूरा करने के बाद भी चारधाम यात्रा में शामिल होने की इजाजत मिलेगी.
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श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने से पहले उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. जिसमें सभी शर्तों को पूर्ण करने से संबंधित सेल्फ डिक्लेरेशन, यात्रा प्रारंभ करने की तिथि एवं अन्य विवरण के साथ-साथ उत्तराखंड राज्य का निवास स्थान आदि का उल्लेख करना आवश्यक होगा. यही नहीं दिए गए पते का प्रमाण पत्र फोटो आईडी के साथ अपलोड करना आवश्यक होगा. इसके बाद संबंधित व्यक्ति के ईमेल आईडी पर ई-पास जारी हो जाएगा.
चारधाम यात्रा के लिए गाइडलाइन
- चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु धाम में केवल एक दिन के लिए ही रूक पाएंगे. हालांकि आपदा, सड़क बाधित, स्वास्थ्य खराब और आपातकालीन परिस्थितियों में स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बाद रुकने का समय बढ़ाया जा सकता है.
- चारधाम इलाके में किसी मरम्मत/रखरखाव से संबंधित कार्य से जुड़े कर्मचारी जिला प्रशासन की अनुमति से दिन में एक से अधिक दिन भी रह सकते हैं.
- जिन व्यक्तियों को कोविड-19 या फ्लू से संबंधित किसी प्रकार के लक्षण होंगे, उन्हें यात्रा की इजाजत नहीं होगी.
- भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को चारधाम की यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.
- चारधाम क्षेत्र में यात्रा के दौरान हैंड सैनिटाइजर और मास्क का प्रयोग करने के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करना भी अनिवार्य होगा.
- रावल, धर्माधिकारी, पुजारियों और श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत किसी भी धाम के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित होगा.
- मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही परिसर के बाहर से लाए गए प्रसाद को मंदिर परिसर में ले जाना वर्जित होगा.
- चारधाम क्षेत्र जिस जनपद में मौजूद हैं, उस जिले के डीएम और पुलिस कप्तान सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर समस सीमा को अपने हिसाब से सुनिश्चित करेंगे.