देहरादून: चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में चारधाम तीर्थ-पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत का गुस्सा कम होने का नहीं ले रहा है. मंगलवार को तय कार्यक्रम के अनुसार तीर्थ-पुरोहित उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर धरना देने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस दौरान तीर्थ-पुरोहितों ने शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल पर उन्हें धमकाने का आरोप भी लगाया.
चारधाम के तीर्थ-पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी का कहना है कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने उनसे कोई वार्ता नहीं की, वो उनसे बात करने बाहर जरूर आए थे, लेकिन उन्हें धमकाकर फिर अंदर चले गए. सुबोध उनियाल 1 दिसंबर तक की बात कह रहे हैं लेकिन तीर्थ पुरोहित अपनी मांगों पर डटे रहेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार मंदिरों के धन पर कुठाराघात कर रही है. सरकारी चीजों का निजीकरण और निजीकरण का सरकारीकरण करने में लगी हुई है. संतोष त्रिवेदी का आरोप है कि मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने घर के बाहर ब्राह्मणों का अपमान किया है. ऐसे में जबतक सरकार देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने का ऐलान नहीं करती, तबतक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा और वो 27 नवंबर को काला दिवस मनाएंगे.
तीर्थ-पुरोहितों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सरकार के शासकीय प्रवक्ता भी हैं, इसलिए अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए वो उनके घर के बाहर धरने पर बैठे थे लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया. चुफाल ने तीर्थ-पुरोहितों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और 30 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में ये मुद्दा उठाया जाएगा.
सरकार की ओर से बार-बार केवल आश्वासन दिये जाने से नाराज केदारनाथ के आचार्य संतोष त्रिवेदी ने सरकार को जल समाधि लेने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जबतक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा. 27 नवंबर को तीर्थ पुरोहितों देहरादून में काला दिवस मनाकर रैली निकालेंगे. बता दें कि 27 नवंबर 2019 ही वो दिन था जब सरकार ने देवस्थानम बोर्ड बनाने का प्रस्ताव पारित किया था. इस दिन को चारों धामों के तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों ने काला दिन के रूप में मनाने का फैसला लिया था. 28-29 नवंबर को तीर्थ पुरोहित संतों से बातचीत करेंगे और 30 नवंबर को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित भाजपा से इस्तीफा देने जा रहे हैं.