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सुद्धोवाला जेल में NDPS में कैद नशेड़ियों को संभालना चुनौती, महिला कैदियों के बच्चों के लिए हैं ये प्रबंध

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Published : May 18, 2022, 11:39 AM IST

Updated : May 18, 2022, 2:22 PM IST

देहरादून की सुद्धोवाला जेल(Dehraduns Sudhowala Jail) में सबसे अधिक एनडीपीएस के कैदी सजा (NDPS prisoners in Dehradun Sudhowala Jail) काट रहे हैं. यहां नशाग्रस्त कैदियों को संभालना जेल प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती है. जिसके लिए यहां व्यवस्थाएं (Arrangements for prisoners in Dehradun Sudhowala Jail) भी की गई हैं. महिला कैदियों के बच्चों के लिए भी जेल में विशेष प्रबंध हैं.

Most prisoners of NDPS are serving sentences in Suddowala Jail
सुद्दोवाला जेल में NDPS के सबसे ज्यादा कैदी काट रहे सजा

देहरादून: राजधानी देहरादून की सुद्धोवाला (Dehraduns Sudhowala Jail) में वर्तमान समय में क्षमता से दोगनी संख्या में लगभग 1350 से अधिक कैदी अलग-अलग अपराधिक मामलों में सजा काट रहे हैं. इसमें सबसे अधिक संख्या एनडीपीएस मादक पदार्थों की तस्करी वाले कैदियों (NDPS prisoners in Dehradun Sudhowala Jail) की हैं. जेल प्रशासन के मुताबिक एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में सजा काटने वाले कैदियों के अनुमानित संख्या 25 से 30% है जो लगातार बढ़ती रहती है.

जेल में आये एनडीपीएस के कैदियों को शुरुआती दिनों में संभालना जेल प्रशासन के लिए चुनौती भरा होता है. नशे की गिरफ्त में रहने वाले कई कैदियों को जेल में नशा न मिलने की वजह से विड्रोल सिस्टम के तहत भयंकर दौरे पड़ने और बेहोशी जैसी शारीरिक समस्याएं आती हैं. ऐसे में सुद्धोवाला जेल प्रशासन की मानें तो नशे से ग्रस्त कैदियों को तत्काल ही कारागार स्थित अस्पताल में चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखते हुए 24 से 48 घंटे काफ़ी मुश्किल से जीवन बचाने की चुनौती रहती है. बाहर की ज़िंदगी में प्रतिदिन ड्रग्स का सेवन करने वाले उन कैदियों को अगर जेल में कुछ भी हो जाता है तो यह जेल प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है.

सुद्धोवाला जेल में NDPS में कैद नशेड़ियों को संभालना चुनौती

जल्द जमानत से बचते हैं परिजन: देहरादून सुद्धोवाला जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में मादक पदार्थ की तस्करी के साथ ही नशीले पदार्थों से ग्रसित जो कैदी सजा काटने आते हैं, उनके परिजन उनकी जमानत करने से कई बार पीछे हट जाते हैं. परिजनों का मानना होता है कि जेल में रहकर अगर नशा न मिलने की वजह से आदत में सुधार हो जाता है तो से इससे सही क्या हो सकता है. ऐसे में ड्रग्स की लत में रहने वाले कैदियों की जेल में नशे की आदत छूट जाए इसको लेकर परिजन उनकी जमानत कराने में देरी करते हैं.

पढ़ें- चारधाम यात्रा में अबतक 29 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान, उत्तराखंड डीजी हेल्थ दे रहीं बेतुका बयान
वहीं, दूसरी संगीन अपराध कार्य में सुद्धोवाला जेल में ऐसी भी महिलाएं सजा काट रही है जिनके 6 साल तक छोटे बच्चे जेल में रहते हैं. सुद्धोवाला जेलर पवन कुमार कोठारी (Sudhowala Jailor Pawan Kumar Kothari) के मुताबिक जेल मैनुअल के अनुसार महिला कैदी अपने 6 साल तक के बच्चों को जेल में अपने साथ रख सकती हैं. इसके लिए सुद्धोवाला जेल में बाकायदा उन छोटे बच्चों के लिए क्रेच बनाया गया है. जहां बच्चों के खेलने कूदने की सुविधा से लेकर उनकी बेसिक शिक्षा और एजुकेशन के साथ अच्छे संस्कार की व्यवस्था बनाई गई है. इस कार्य के लिए कुछ एक सामाजिक संस्थाएं और जेल में शिक्षित महिलाओं को टीचर मेहनताने पर बच्चों की लिखाई पढ़ाई के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है. इतना ही नहीं जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यकता मुताबिक महिला कैदियों के छोटे बच्चों के बेहतर खाने-पीने व अन्य महत्वपूर्ण विषयों के लिए बाहर से काफी सामाजिक संस्थाएं सहयोग कर रही हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून की सुद्धोवाला (Dehraduns Sudhowala Jail) में वर्तमान समय में क्षमता से दोगनी संख्या में लगभग 1350 से अधिक कैदी अलग-अलग अपराधिक मामलों में सजा काट रहे हैं. इसमें सबसे अधिक संख्या एनडीपीएस मादक पदार्थों की तस्करी वाले कैदियों (NDPS prisoners in Dehradun Sudhowala Jail) की हैं. जेल प्रशासन के मुताबिक एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में सजा काटने वाले कैदियों के अनुमानित संख्या 25 से 30% है जो लगातार बढ़ती रहती है.

जेल में आये एनडीपीएस के कैदियों को शुरुआती दिनों में संभालना जेल प्रशासन के लिए चुनौती भरा होता है. नशे की गिरफ्त में रहने वाले कई कैदियों को जेल में नशा न मिलने की वजह से विड्रोल सिस्टम के तहत भयंकर दौरे पड़ने और बेहोशी जैसी शारीरिक समस्याएं आती हैं. ऐसे में सुद्धोवाला जेल प्रशासन की मानें तो नशे से ग्रस्त कैदियों को तत्काल ही कारागार स्थित अस्पताल में चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखते हुए 24 से 48 घंटे काफ़ी मुश्किल से जीवन बचाने की चुनौती रहती है. बाहर की ज़िंदगी में प्रतिदिन ड्रग्स का सेवन करने वाले उन कैदियों को अगर जेल में कुछ भी हो जाता है तो यह जेल प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है.

सुद्धोवाला जेल में NDPS में कैद नशेड़ियों को संभालना चुनौती

जल्द जमानत से बचते हैं परिजन: देहरादून सुद्धोवाला जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में मादक पदार्थ की तस्करी के साथ ही नशीले पदार्थों से ग्रसित जो कैदी सजा काटने आते हैं, उनके परिजन उनकी जमानत करने से कई बार पीछे हट जाते हैं. परिजनों का मानना होता है कि जेल में रहकर अगर नशा न मिलने की वजह से आदत में सुधार हो जाता है तो से इससे सही क्या हो सकता है. ऐसे में ड्रग्स की लत में रहने वाले कैदियों की जेल में नशे की आदत छूट जाए इसको लेकर परिजन उनकी जमानत कराने में देरी करते हैं.

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वहीं, दूसरी संगीन अपराध कार्य में सुद्धोवाला जेल में ऐसी भी महिलाएं सजा काट रही है जिनके 6 साल तक छोटे बच्चे जेल में रहते हैं. सुद्धोवाला जेलर पवन कुमार कोठारी (Sudhowala Jailor Pawan Kumar Kothari) के मुताबिक जेल मैनुअल के अनुसार महिला कैदी अपने 6 साल तक के बच्चों को जेल में अपने साथ रख सकती हैं. इसके लिए सुद्धोवाला जेल में बाकायदा उन छोटे बच्चों के लिए क्रेच बनाया गया है. जहां बच्चों के खेलने कूदने की सुविधा से लेकर उनकी बेसिक शिक्षा और एजुकेशन के साथ अच्छे संस्कार की व्यवस्था बनाई गई है. इस कार्य के लिए कुछ एक सामाजिक संस्थाएं और जेल में शिक्षित महिलाओं को टीचर मेहनताने पर बच्चों की लिखाई पढ़ाई के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है. इतना ही नहीं जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यकता मुताबिक महिला कैदियों के छोटे बच्चों के बेहतर खाने-पीने व अन्य महत्वपूर्ण विषयों के लिए बाहर से काफी सामाजिक संस्थाएं सहयोग कर रही हैं.

Last Updated : May 18, 2022, 2:22 PM IST
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