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महाकुंभ में SOP का पालन कराना चुनौती, CM अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से करेंगे बात

कुंभ को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी गई है. महाकुंभ के लिए एसओपी जारी होने के बाद राज्य सरकार की चुनौती बढ़ गई है.

Chief Secretary Om Prakash
मुख्य सचिव ओम प्रकाश
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Published : Jan 25, 2021, 2:18 PM IST

देहरादून: महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी गई है. एसओपी के अनुसार हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी. साथ ही लोगों को कोविड से बचाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा. महाकुंभ के लिए एसओपी जारी होने के बाद राज्य सरकार की चुनौती बढ़ गई है.

वहीं, 14 जनवरी को हरिद्वार में हुए मकर सक्रांति स्नान को देखें तो इस बार 7 लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा में स्नान किया था. इतनी संख्या में भीड़ एकत्र होने की राज्य सरकार को भी उम्मीद नहीं थी. उस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन भी नहीं हो पाया था. ऐसे में अब राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है कि महाकुंभ के मुख्य स्नान के दौरान किस तरह से केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन कराया जाए.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एसओपी के तहत व्यवस्था को मुकम्मल करना एक चुनौती तो है, लेकिन चुनौती पर खरा उतरेंगे उन्हें ऐसी उम्मीद है. महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे के भीतर का आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी. अगर कोई व्यक्ति रिपोर्ट नहीं लाता है तो उसे कुंभ में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही बताया कि कोविड के चलते महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रहेगी. फिलहाल मुख्य स्नानों पर करीब 40 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.

पढ़ें: रामनगर की हसीन वादियों में चल रही 'गदेरा' फिल्म की शूटिंग

मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पूर्ण रूप से पालन कराए जाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है. इसके लिये भारत सरकार समेत अन्य राज्य सरकारों से अनुरोध करने के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे.

देहरादून: महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी गई है. एसओपी के अनुसार हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी. साथ ही लोगों को कोविड से बचाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा. महाकुंभ के लिए एसओपी जारी होने के बाद राज्य सरकार की चुनौती बढ़ गई है.

वहीं, 14 जनवरी को हरिद्वार में हुए मकर सक्रांति स्नान को देखें तो इस बार 7 लाख से ज्यादा लोगों ने गंगा में स्नान किया था. इतनी संख्या में भीड़ एकत्र होने की राज्य सरकार को भी उम्मीद नहीं थी. उस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन भी नहीं हो पाया था. ऐसे में अब राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है कि महाकुंभ के मुख्य स्नान के दौरान किस तरह से केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन कराया जाए.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एसओपी के तहत व्यवस्था को मुकम्मल करना एक चुनौती तो है, लेकिन चुनौती पर खरा उतरेंगे उन्हें ऐसी उम्मीद है. महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे के भीतर का आरटी पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी. अगर कोई व्यक्ति रिपोर्ट नहीं लाता है तो उसे कुंभ में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही बताया कि कोविड के चलते महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रहेगी. फिलहाल मुख्य स्नानों पर करीब 40 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.

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मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पूर्ण रूप से पालन कराए जाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है. इसके लिये भारत सरकार समेत अन्य राज्य सरकारों से अनुरोध करने के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे.

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