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उत्तराखंडः मोदी सरकार का एक और झटका, 17 लाख परिवारों के खर्चे से पीछे खींचे हाथ

प्रदेश सरकार द्वारा 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के बीमा का निशुल्क लाभ मिल रहा है. वहीं, 17 लाख लाभार्थियों का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है, जिसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से बजट का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया.

मोदी सरकार का एक और झटका.
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Published : Jul 8, 2019, 2:16 PM IST

देहरादून: प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 17 लाख परिवारों के बीमा कवर का खर्च अब राज्य सरकार को ही उठाना होगा. राज्य सरकार ने इस योजना में आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया है. जिस कारण अब राज्य सरकार को सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये के बीमा खर्च का वहन करना होगा.

मोदी सरकार का एक और झटका.

उत्तराखंड में लगभग 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के बीमा का निशुल्क लाभ मिल रहा है. इसमें 17 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनको राज्य सरकार ने अपने खजाने से बजट देकर इस योजना में शामिल किया है. जिस कारण इन परिवारों के बीमा का खर्च राज्य सरकार उठा रही है. आर्थिक भार होने के कारण राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई, जिसे केंद्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है.

ये भी पढ़ें: MLA जोशी ने राज्यसभा सांसद को लिखा पत्र, नैनी-दून एक्सप्रेस में AC कोच बढ़ाने की मांग

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा इस गुजारिश को नामंजूर कर देने के बाद अब राज्य सरकार को ही 17 लाख परिवारों के बीमा खर्च को वहन करना होगा. जिसमें अनुमानित खर्च सालाना लगभग 100 करोड़ होने के आसार हैं. वहीं, प्रदेश सरकार के लिए सालाना 100 करोड़ रुपये का खर्च बीमा के तहत उठाना काफी मुश्किल है. राज्य सरकार ने केंद्र पर इस बजट को वहन करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे नामंजूर कर दिया गया है.

देहरादून: प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत 17 लाख परिवारों के बीमा कवर का खर्च अब राज्य सरकार को ही उठाना होगा. राज्य सरकार ने इस योजना में आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया है. जिस कारण अब राज्य सरकार को सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये के बीमा खर्च का वहन करना होगा.

मोदी सरकार का एक और झटका.

उत्तराखंड में लगभग 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के बीमा का निशुल्क लाभ मिल रहा है. इसमें 17 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनको राज्य सरकार ने अपने खजाने से बजट देकर इस योजना में शामिल किया है. जिस कारण इन परिवारों के बीमा का खर्च राज्य सरकार उठा रही है. आर्थिक भार होने के कारण राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई, जिसे केंद्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है.

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जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा इस गुजारिश को नामंजूर कर देने के बाद अब राज्य सरकार को ही 17 लाख परिवारों के बीमा खर्च को वहन करना होगा. जिसमें अनुमानित खर्च सालाना लगभग 100 करोड़ होने के आसार हैं. वहीं, प्रदेश सरकार के लिए सालाना 100 करोड़ रुपये का खर्च बीमा के तहत उठाना काफी मुश्किल है. राज्य सरकार ने केंद्र पर इस बजट को वहन करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे नामंजूर कर दिया गया है.

Intro:summary- उत्तराखंड के 17 लाख परिवारों का अब उत्तराखंड सरकार ही बीमा कवर का खर्च वहन करेगी। हालांकि अब तक भी राज्य सरकार ही इन 17 लाख परिवारों को 500000 तक के बीमा के खर्च को उठा रही थी लेकिन केंद्र से बजटीय सहायता को नामंजूर करने के बाद भविष्य में भी इसका भार उत्तराखंड को ही उठाना होगा।


अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए केंद्र से कोई मदद नहीं मिलेगी.. दरअसल उत्तराखंड की 17 लाख परिवारों को राज्य सरकार ने बीमा का लाभ देने के लिए केंद्र से मदद की गुहार की थी जानकारी के अनुसार जिसे केंद्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है।


Body:उत्तराखंड के करीब 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक के बीमा का निशुल्क लाभ मिल रहा है.. इसमें 17 लाख परिवार ऐसे हैं जिनको राज्य सरकार अपने खजाने से बजट देकर इस योजना में शामिल कर चुकी है। लेकिन मुश्किल यह है कि अब सालाना 100 करोड़ के इस बोझ को सरकार केंद्र के जरिए कुछ हल्का करने की कोशिश कर रही थी जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेशभर के 23 लाख परिवारों को शामिल किया गया है जिसमें पांच लाख 23 हजार परिवारों को केंद्र की अटल आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है जबकि बाकी 17 लाख परिवार का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से इन परिवारों को भी योजना में शामिल करने की गुजारिश की थी जानकारी के अनुसार केंद्र ने इस गुजारिश को नामंजूर कर दिया है जिसके बाद अब राज्य सरकार को ही 70 लाख परिवारों में सालाना करीब 100 करोड़ के बीमा खर्च को वहन करना होगा।


Conclusion:उत्तराखंड सरकार के लिए सालाना 100 करोड रुपए का खर्च बीमा के तहत उठाना काफी मुश्किल है और इसीलिए राज्य सरकार ने केंद्र पर इस बजट को वहन करने के लिए आवेदन किया था लेकिन अब इस प्रस्ताव के नामंजूर होने के बाद राज्य सरकार के लिए आर्थिक रूप से इसका वहन करना काफी मुश्किल होगा।
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