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जल जीवन मिशन: केंद्र ने उत्तराखंड को दी बड़ी राहत, पेयजल कनेक्शन शुल्क में बदलाव

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Published : Jun 2, 2021, 4:15 PM IST

जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के हर घर को नल से स्वच्छ जल मुहैया कराना है. ऐसे में इस योजना के पहले चरण में अब तक प्रदेश के 45 फीसदी घरों को पेयजल कनेक्शन दिये जा चुके हैं. बाकी घरों को अगले 2 साल में पेयजल कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है.

जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन

देहरादून: प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को जल जीवन मिशन में बड़ी राहत दी गई है. अब जल जीवन मिशन के तहत प्रति परिवार पेयजल कनेक्शन पर खर्च की अधिकतम सीमा 25 हजार निर्धारित कर दी गई है. हालांकि प्रदेश को यह बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी परिवार को पेयजल कनेक्शन देने में खर्च की गई राशि का वाजिब कारण बताना अनिवार्य रहेगा.

पढ़ें- कोविड अस्पताल का सीएम तीरथ ने किया उद्घाटन, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत

गौरतलब है कि प्रदेश में अब जल जीवन मिशन के द्वितीय चरण की शुरुआत होनी है. इसकी डीपीआर तैयार करने के निर्देश जल मंत्री बिशन सिंह चुफाल पहले ही दे चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के दूसरे चरण के लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की जा रही है. इसके लिए जूनियर इंजीनियर की कमी को दूर करने के लिए विभागीय मंत्री की ओर से जल निगम और जल संस्थान में 50-50 जूनियर इंजीनियर नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं.

बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के हर घर को नल से स्वच्छ जल मुहैया कराना है. ऐसे में इस योजना के पहले चरण में अब तक प्रदेश के 45 फीसदी घरों को पेयजल कनेक्शन दिये जा चुके हैं. बाकी के घरों को अगले 2 साल में पेयजल कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है. हालांकि प्रदेश के ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में इस योजना के तहत पेयजल कनेक्शन देना जल संस्थान और जल निगम के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. ऐसे में विभागीय मंत्री की ओर से पर्वतीय इलाकों के ऊंचाई वाले गांव में पंपिंग पेयजल योजना के तहत पेयजल कनेक्शन दिए जाने के आदेश दिए गए हैं, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है.

देहरादून: प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को जल जीवन मिशन में बड़ी राहत दी गई है. अब जल जीवन मिशन के तहत प्रति परिवार पेयजल कनेक्शन पर खर्च की अधिकतम सीमा 25 हजार निर्धारित कर दी गई है. हालांकि प्रदेश को यह बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी परिवार को पेयजल कनेक्शन देने में खर्च की गई राशि का वाजिब कारण बताना अनिवार्य रहेगा.

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गौरतलब है कि प्रदेश में अब जल जीवन मिशन के द्वितीय चरण की शुरुआत होनी है. इसकी डीपीआर तैयार करने के निर्देश जल मंत्री बिशन सिंह चुफाल पहले ही दे चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के दूसरे चरण के लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की जा रही है. इसके लिए जूनियर इंजीनियर की कमी को दूर करने के लिए विभागीय मंत्री की ओर से जल निगम और जल संस्थान में 50-50 जूनियर इंजीनियर नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं.

बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के हर घर को नल से स्वच्छ जल मुहैया कराना है. ऐसे में इस योजना के पहले चरण में अब तक प्रदेश के 45 फीसदी घरों को पेयजल कनेक्शन दिये जा चुके हैं. बाकी के घरों को अगले 2 साल में पेयजल कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है. हालांकि प्रदेश के ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में इस योजना के तहत पेयजल कनेक्शन देना जल संस्थान और जल निगम के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है. ऐसे में विभागीय मंत्री की ओर से पर्वतीय इलाकों के ऊंचाई वाले गांव में पंपिंग पेयजल योजना के तहत पेयजल कनेक्शन दिए जाने के आदेश दिए गए हैं, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है.

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