देहरादूनः सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी 13 जनपदों के दो ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज को अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत सीबीएसई बोर्ड की ओर से आगामी 1 मार्च से इन सभी स्कूलों की ऑनलाइन समीक्षा की जाएगी.
दरअसल अटल उत्कृष्ट विद्यालय के तौर पर प्रदेश के 188 स्कूलों को विकसित किया जा रहा है. ये सभी स्कूल सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड होंगे. ऐसे में सीबीएसई बोर्ड के मानकों पर यह स्कूल कितना खरे उतरते हैं, इसके लिए आगामी एक मार्च से सीबीएसई बोर्ड इन स्कूलों की ऑनलाइन समीक्षा शुरू करने जा रहा है. जिसके आधार पर ही सीबीएसई बोर्ड इन स्कूलों को अपनी मान्यता प्रदान करेगा.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए सीबीएसई बोर्ड देहरादून के क्षेत्राधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड 650 स्कूल संचालित हो रहे हैं. ऐसे में यदि सरकार की ओर से अटल उत्कृष्ट विद्यालय के लिए चिह्नित प्रदेश के सरकारी स्कूल भी सीबीएसई के मानकों पर खरे उतरते हैं, तो प्रदेश में सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड स्कूलों की कुल संख्या 850 तक पहुंच जाएगी. ऐसे में जैसा कि सीबीएसई बोर्ड आगामी 1 मार्च से चयनित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की समीक्षा करने जा रहा है. इस स्थिति में यदि कोई सरकारी स्कूल सीबीएसई के मानकों पर वर्तमान में खरा नहीं उतर पाता है तो उस स्कूल को सीबीएसई के मानकों को पूरा करने के लिए 2 से 3 साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा.
बता दें कि सीबीएसई के मानकों के अनुसार प्रत्येक स्कूल में बच्चों के लिए अनिवार्य रूप से प्ले ग्राउंड, आधुनिक क्लासरूम और कंप्यूटर लैब के साथ ही साइंस लैब होना अनिवार्य है. जिसके आधार पर ही सीबीएसई एक स्कूल को अपनी मान्यता प्रदान करता है.