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देहरादून: 'द सॉलिटेयर रेजिडेंसी' में CBI की रेड, आरोपी NHAI के बड़े अधिकारी के घर पर छापा - CBI raids on NHAI scam accused locations

सितारगंज नेशनल हाईवे घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की टीम देहरादून में NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी) के एक अधिकारी सीके सिन्हा के घर छापेमारी करने पहुंची. सीबीआई आरोपी अधिकारी के घर पर दस्तावेजों की जांच कर रही है. अधिकारी से पूछताछ की जा रही है.

CBI raids on NHAI scam accused locations
'द सॉलिटेयर रेजिडेंसी' में CBI की रेड
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Published : Mar 31, 2022, 6:16 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 9:28 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून के ईसी रोड स्थित 'द सॉलिटेयर रेजिडेंसी' में सीबीआई की छापेमारी से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि रेजीडेंसी में निवास करने वाले NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी) घोटाले के आरोपी के आवास पर सीबीआई की टीम छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए हैं.

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक NHAI के क्षेत्रीय प्रोजेक्ट हेड सीके सिन्हा के देहरादून में अलग-अलग ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. आरोपी सीके सिन्हा देहरादून के NHAI के क्षेत्रीय कार्यालय बलबीर रोड में तैनात है. बता दें कि साल 2012-14 में कुमाऊं के सितारगंज नेशनल हाईवे में किसानों को मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों रुपए की घोटाला का पर्दाफाश हुआ था.
ये भी पढ़ें: नाबालिग लड़की के रेप और हत्या का मामला, दोषियों की फांसी की सजा पर HC में हुई सुनवाई

मामले में अलग-अलग जांच एजेंसी के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. घोटाले में 11 नामजद सहित कई लोग आरोपी हैं. जिनमें से एक आरोपी सीके सिन्हा भी हैं. फिलहाल सीबीआई सीके सिन्हा के अलग-अलग ठिकानों से दस्तावेज को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ में जुटी हुई है. इस कार्रवाई को लेकर फिलहाल अभी तक सीबीआई की तरफ से कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है.

दून में NHAI अधिकारी के घर पर छापेमारी.

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कुमाऊं से सितारगंज नेशनल हाईवे घोटाला मामले में बनाए गए आरोपियों के यहां सीबीआई की छापेमारी चल रही है.

क्या है एनएच 74 घोटाला मामला: राज्य गठन के बाद हुए घोटालों में एनएच-74 मुआवजा घोटाला सबसे बड़ा है. अब तक जांच में एसआइटी ने 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि की और अफसरों, कर्मचारियों, किसानों व दलालों सहित 22 लोगों को जेल भेज चुकी है. हरिद्वार से सितारगंज तक 252 किमी दूरी के एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए वर्ष 2012-13 में प्रक्रिया शुरू की गई. साल 2013 में NHAI की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन जिस स्थिति में है, उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा.

नोटिफिकेशन में बाकायदा चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन का खसरा नंबर का भी जिक्र था. कुछ ऐसे किसान थे, जिन्होंने अफसरों, कर्मचारियों व दलालों से मिलीभगत कर बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि भूमि दर्शाकर करोड़ों रुपये मुआवजा ले लिया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई. इस मामले की कई बार शिकायत की गई तो एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त कुमाऊं सेंथिल पांडियन ने कलक्ट्रेट रुद्रपुर में अफसरों की बैठक ली.

इस दौरान उन्होंने एनएच-74 निर्माण कार्यों में प्रथमदृष्टया धांधली की आशंका जताई. इस आधार पर उन्होंने तत्कालीन डीएम यूएस नगर को जांच करने के निर्देश दिए थे. इस पर तत्कालीन एडीएम प्रताप शाह ने 11 मार्च 2017 को सिडकुल चौकी में एनएच घोटाले का मुकदमा दर्ज कराया था.

देहरादून: राजधानी देहरादून के ईसी रोड स्थित 'द सॉलिटेयर रेजिडेंसी' में सीबीआई की छापेमारी से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि रेजीडेंसी में निवास करने वाले NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी) घोटाले के आरोपी के आवास पर सीबीआई की टीम छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए हैं.

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक NHAI के क्षेत्रीय प्रोजेक्ट हेड सीके सिन्हा के देहरादून में अलग-अलग ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है. आरोपी सीके सिन्हा देहरादून के NHAI के क्षेत्रीय कार्यालय बलबीर रोड में तैनात है. बता दें कि साल 2012-14 में कुमाऊं के सितारगंज नेशनल हाईवे में किसानों को मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों रुपए की घोटाला का पर्दाफाश हुआ था.
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मामले में अलग-अलग जांच एजेंसी के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. घोटाले में 11 नामजद सहित कई लोग आरोपी हैं. जिनमें से एक आरोपी सीके सिन्हा भी हैं. फिलहाल सीबीआई सीके सिन्हा के अलग-अलग ठिकानों से दस्तावेज को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ में जुटी हुई है. इस कार्रवाई को लेकर फिलहाल अभी तक सीबीआई की तरफ से कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आयी है.

दून में NHAI अधिकारी के घर पर छापेमारी.

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कुमाऊं से सितारगंज नेशनल हाईवे घोटाला मामले में बनाए गए आरोपियों के यहां सीबीआई की छापेमारी चल रही है.

क्या है एनएच 74 घोटाला मामला: राज्य गठन के बाद हुए घोटालों में एनएच-74 मुआवजा घोटाला सबसे बड़ा है. अब तक जांच में एसआइटी ने 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि की और अफसरों, कर्मचारियों, किसानों व दलालों सहित 22 लोगों को जेल भेज चुकी है. हरिद्वार से सितारगंज तक 252 किमी दूरी के एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए वर्ष 2012-13 में प्रक्रिया शुरू की गई. साल 2013 में NHAI की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन जिस स्थिति में है, उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा.

नोटिफिकेशन में बाकायदा चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली जमीन का खसरा नंबर का भी जिक्र था. कुछ ऐसे किसान थे, जिन्होंने अफसरों, कर्मचारियों व दलालों से मिलीभगत कर बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि भूमि दर्शाकर करोड़ों रुपये मुआवजा ले लिया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई. इस मामले की कई बार शिकायत की गई तो एक मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त कुमाऊं सेंथिल पांडियन ने कलक्ट्रेट रुद्रपुर में अफसरों की बैठक ली.

इस दौरान उन्होंने एनएच-74 निर्माण कार्यों में प्रथमदृष्टया धांधली की आशंका जताई. इस आधार पर उन्होंने तत्कालीन डीएम यूएस नगर को जांच करने के निर्देश दिए थे. इस पर तत्कालीन एडीएम प्रताप शाह ने 11 मार्च 2017 को सिडकुल चौकी में एनएच घोटाले का मुकदमा दर्ज कराया था.

Last Updated : Mar 31, 2022, 9:28 PM IST
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