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पाखरो टाइगर सफारी घोटाले में CBI ने IFS अफसरों से शुरू की पूछताछ, वन महकमे में मचा हड़कंप

CBI Investigating On Pakhro Tiger Safari Scam Case उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो टाइगर सफारी मामले पर सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दी है. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद के बाद अब विभाग के बड़े अफसर से भी पूछताछ की जा रही है. सीबीआई के इस तरह अचानक सक्रिय होने से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.

Pakhro Tiger Safari Scam Case
पाखरो टाइगर सफारी घोटाला
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 19, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Oct 19, 2023, 3:59 PM IST

IFS अफसरों से पूछताछ शुरू

देहरादूनः उत्तराखंड में इन दिनों वन विभाग के तमाम अफसरों के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण गले की हड्डी बना हुआ है. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से जांच के आदेश मिलने पर सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने एकाएक अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. अब सीबीआई वन विभाग के बड़े अफसरों के दफ्तरों तक भी पहुंचने लगी है.

बताया जा रहा है कि देहरादून में वन मुख्यालय तक भी सीबीआई के अधिकारियों ने पहुंचकर अपनी जांच को आगे बढ़ा दिया है. फिलहाल, सीबीआई जांच को प्राथमिक दृष्टियों को देखते हुए तथ्यों को जुटा रही है. वन मुख्यालय में भी सीबीआई ने करीब 2 घंटे तक अधिकारियों से बातचीत की. साथ ही इस पूरे प्रकरण पर पूर्व में की गई जांच के लिहाज से तमाम स्थितियों को जाना.

बता दें कि इससे पहले भी सीबीआई पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद के घर पर छापेमारी कर चुकी है. इसके अलावा रिटायर्ड रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर भी सीबीआई की टीम ने दस्तक दी थी और तथ्यों को जुटाया था. उधर, सीबीआई की इस तरह सक्रियता ने अब वन विभाग में भी हड़कंप मचा दिया है.

CBI Questioning With IFS Officers
पाखरो टाइगर सफारी घोटाले को जानिए

इस मामले में फिलहाल सीबीआई पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के घर नहीं पहुंची है, लेकिन सीबीआई ने किशन चंद से जांच को शुरू करते हुए विभाग के बड़े अधिकारियों तक भी पहुंचना शुरू कर दिया है. इन स्थितियों को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों में सीबीआई की धमक के कारण हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. वहीं, कॉर्बेट में फील्ड विजिट करने को लेकर पीसीसीएफ से सीबीआई ने बात की है. यहां सीबीआई करीब एक महीने तक फील्ड विजिट कर जांच करेगी.
ये भी पढ़ेंः CBI ने दर्ज किया मुकदमा, किशनचंद और बृज बिहारी शर्मा घर पर छापेमारी

क्या है प्रकरण? गौर हो कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी का निर्माण किया जाना था. आरोप है कि साल 2019 में बिना वित्तीय स्वीकृति के ही इसका निर्माण शुरू कर दिया गया. इसके लिए पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर जमकर अवैध निर्माण किया गया. साथ ही जमकर हजारों पेड़ों पर आरियां चलाई गई.

उधर, मामले की हकीकत जानने के लिए एनटीसीए यानी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) ने पाखरो रेंज का स्थलीय निरीक्षण किया. स्थलीय निरीक्षण में एनटीसीए को भारी अनियमितताएं मिली. लिहाजा, मामला सामने आया तो सरकार ने आनन-फानन में जांच के आदेश दिए. जिस पर विजिलेंस ने हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज किया.

वहीं, जांच के आधार पर साल 2022 में विजिलेंस ने देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा और हरिद्वार में पूर्व डीएफओ किशनचंद की गिरफ्तारी की. इस मामले में विजिलेंस चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. उधर, नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब सीबीआई ने दस्तावेज खंगालने के साथ जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ेंः हरक के छलके आंसू, बोले- 6000 पेड़ काटे जाना साबित हुआ तो आजीवन कारावास मंजूर, IFS लॉबी पर किया बड़ा खुलासा

IFS अफसरों से पूछताछ शुरू

देहरादूनः उत्तराखंड में इन दिनों वन विभाग के तमाम अफसरों के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण गले की हड्डी बना हुआ है. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से जांच के आदेश मिलने पर सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने एकाएक अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. अब सीबीआई वन विभाग के बड़े अफसरों के दफ्तरों तक भी पहुंचने लगी है.

बताया जा रहा है कि देहरादून में वन मुख्यालय तक भी सीबीआई के अधिकारियों ने पहुंचकर अपनी जांच को आगे बढ़ा दिया है. फिलहाल, सीबीआई जांच को प्राथमिक दृष्टियों को देखते हुए तथ्यों को जुटा रही है. वन मुख्यालय में भी सीबीआई ने करीब 2 घंटे तक अधिकारियों से बातचीत की. साथ ही इस पूरे प्रकरण पर पूर्व में की गई जांच के लिहाज से तमाम स्थितियों को जाना.

बता दें कि इससे पहले भी सीबीआई पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद के घर पर छापेमारी कर चुकी है. इसके अलावा रिटायर्ड रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर भी सीबीआई की टीम ने दस्तक दी थी और तथ्यों को जुटाया था. उधर, सीबीआई की इस तरह सक्रियता ने अब वन विभाग में भी हड़कंप मचा दिया है.

CBI Questioning With IFS Officers
पाखरो टाइगर सफारी घोटाले को जानिए

इस मामले में फिलहाल सीबीआई पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के घर नहीं पहुंची है, लेकिन सीबीआई ने किशन चंद से जांच को शुरू करते हुए विभाग के बड़े अधिकारियों तक भी पहुंचना शुरू कर दिया है. इन स्थितियों को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों में सीबीआई की धमक के कारण हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. वहीं, कॉर्बेट में फील्ड विजिट करने को लेकर पीसीसीएफ से सीबीआई ने बात की है. यहां सीबीआई करीब एक महीने तक फील्ड विजिट कर जांच करेगी.
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क्या है प्रकरण? गौर हो कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी का निर्माण किया जाना था. आरोप है कि साल 2019 में बिना वित्तीय स्वीकृति के ही इसका निर्माण शुरू कर दिया गया. इसके लिए पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर जमकर अवैध निर्माण किया गया. साथ ही जमकर हजारों पेड़ों पर आरियां चलाई गई.

उधर, मामले की हकीकत जानने के लिए एनटीसीए यानी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) ने पाखरो रेंज का स्थलीय निरीक्षण किया. स्थलीय निरीक्षण में एनटीसीए को भारी अनियमितताएं मिली. लिहाजा, मामला सामने आया तो सरकार ने आनन-फानन में जांच के आदेश दिए. जिस पर विजिलेंस ने हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज किया.

वहीं, जांच के आधार पर साल 2022 में विजिलेंस ने देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा और हरिद्वार में पूर्व डीएफओ किशनचंद की गिरफ्तारी की. इस मामले में विजिलेंस चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. उधर, नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब सीबीआई ने दस्तावेज खंगालने के साथ जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
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Last Updated : Oct 19, 2023, 3:59 PM IST
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