देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले में देहरादून और हरिद्वार को छोड़कर अलग से 11 जिलों के लिए गठित की गई एसआईटी ने पहली बार समाज कल्याण विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्र-छात्राओं के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले में यह पहला मौका है जब एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग के किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक इस मामले में एसआईटी ने टिहरी गढ़वाल, नैनीताल और उधम सिंह नगर में घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों, दलालों व समाज कल्याण विभाग सहित कुल 9 मुकदमें दर्ज कर लिये हैं. वहीं, आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक अभी और केस दर्ज हो सकते हैं.
हालांकि, इससे पहले देहरादून और हरिद्वार जिले के लिए गठित की गई एसआईटी की जांच के घेरे में समाज कल्याण विभाग के दो अधिकारी आ चुके हैं. जिसमें से तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जो फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं. वहीं, दूसरे अधिकारी के रूप में वर्तमान जिला कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल हैं. इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है.
वहीं, राज्य के 11 जिलों के लिए अलग से गठित की गई एसआईटी के अध्यक्ष आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक एसआईटी की प्रारंभिक जांच में कई तरह के अहम तथ्य सामने आये हैं. टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाले आरोपित शिक्षण संस्थान स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में समाज कल्याण विभाग अधिकारी की मिलीभगत सरकार को लाखों को चुना लगाया था.
अभी और मुकदमे हो सकते हैं दर्ज
उत्तराखंड के 11 जिलों के लिए अलग से जांच कर रही एसआईटी ने अब तक 9 मुकदमें दर्ज किए हैं. आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक इस प्रकरण में 8 से 9 मुकदमें और दर्ज किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुकदमे दर्ज होने के बाद जिला स्तर पर आरोपियों की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी.