देहरादून: थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत फर्जी दस्तावेज बनाकर दून टी कंपनी इंडिया लिमिटेड की करोड़ों रुपए की जमीन बेचने का मामला सामने आया है. कंपनी के निदेशक मामले को कोर्ट ले गए. कोर्ट के आदेश के बाद थाना प्रेमनगर ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
गौर हो कि दून टी कंपनी इंडिया लिमिटेड के निदेशक डीके सिंह ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी ने 1979 में सुशील कुमार आर्य को नौकरी पर रखा था. साल 1983-84 में ऑफिस के कार्यों में लापरवाही बरतने के बाद कंपनी ने सुशील कुमार आर्य को निकाल दिया था. लेकिन सुशील कुमार आर्य द्वारा कंपनी के अधिकारियों से माफी मांगने और भविष्य में लापरवाही न बरतने का वादा करने पर कंपनी ने सुशील कुमार आर्य को दोबारा नौकरी पर रख लिया था. साथ ही कंपनी का स्टाफ क्वार्टर भी दिया गया था. उसके बाद साल 2016 में सुशील कुमार आर्य कंपनी से रिटायर हो गया, लेकिन उसने क्वार्टर खाली नहीं किया.
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2021 मई में कंपनी के निदेशक को पता चला कि सुशील कुमार आर्य ने 5 अप्रैल 2021 को कंपनी की आर्केडियस स्थित 3,560 वर्ग मीटर जमीन दो व्यक्तियों संजय सिंह कटारिया और सतीश कुमार को महज 70 लाख रुपए में बेच दी. जबकि इस जमीन की सरकारी कीमत तीन करोड़ 20 लाख के करीब है. साथ ही सुशील कुमार आर्य का कंपनी की जमीन पर आंशिक कब्जा भी था और इसी का फायदा उठाते हुए आरोपी ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार किए और स्वयं को कंपनी की भूमि का मालिक दर्शाया गया.
थाना प्रेमनगर प्रभारी धनराज बिष्ट ने बताया कि विक्रय पत्र पर सुशील कुमार आर्य की पत्नी त्रिशला आर्य भी गवाह बनी हुई थी. जिसके तहत कोर्ट के आदेश के बाद सुशील कुमार आर्य, पत्नी त्रिशला आर्य, संजय सिंह और सतीश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया है.