ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के लिए पंहुच रहे यात्रियों के साथ कुछ ट्रैवल एजेंसियां रजिस्ट्रेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही हैं. डीजीपी अशोक कुमार के पास भी इस तरह की शिकायतें पहुंची. इसके बाद उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख स्थानों को चिन्हित कर पुलिस चौकियों और बैरियर पर रजिस्ट्रेशन चेक करने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी अशोक कुमार के आदेश के बाद पुलिस भी हरकत में आई और ऋषिकेश में चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो अलग-अलग मामलों में एक ट्रैवल एजेंट और 1 ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश के रहने वाले संजय कुमावत ने ऋषिकेश कोतवाली में एक तहरीर दी थी. संजय कुमावत ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 मई को उन्हें हरिद्वार हरकी पैड़ी पार्किंग के पास सुमित कश्यप नाम एक ट्रैवल एजेंट मिला. उसने संजय कुमावत को बताया कि वो चारधाम यात्रा की ऑनलाइन बुकिंग करता है. संजय कुमावत के ग्रुप में 120 आदमी थी. इसके बाद दोनों के बीच बातचीत हुई और उसने 120 यात्रियों का चारधाम का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया और उसके दस्तावेज उन्हें दे दिए.
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संजय कुमावत के मुताबिक ट्रैवल एजेंट सुमित कश्यप ने चारधाम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए उनसे 8 हजार रुपए लिए थे. इसके बाद सभी हरिद्वार से चारधाम के लिए निकल गए, लेकिन जैसे ही वे ऋषिकेश पहुंचे और पुलिस ने बैरियर पर चारधाम का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चेक किया तो वो फर्जी निकाला और सभी तीर्थयात्रियों को वहीं से लौटा दिया. इसके बाद उन्होंने ऋषिकेश कोतवाली में तहरीर दी.
वहीं दूसरे मामले में मध्य प्रदेश के रहने वाले रामअवतार शर्मा ने एक तहरीर पुलिस को दी. उन्होंने पुलिस को बताया कि 65 लोगों का ग्रुप 25 मई को मुरैना से मां गंगा टूर एंड ट्रैवल एबी रोड बस स्टैंड थाना सिविल लाइन मुरैना मध्य प्रदेश के माध्यम से उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए आए थे. ट्रैवल के मालिक रामू सिकरवार उर्फ रामेंद्र सिंह ने प्रत्येक व्यक्ति से 10 हजार रुपए किराए हेतु लिए गए थे और उन्हें आश्वसन दिया था कि चारधाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन कर देंगे.
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सभी लोग ट्रैवल एजेंट के आश्वासन पर 26 मई को उत्तराखंड पहुंचे. ट्रैवल एजेंट रामनिवास धाकड़ और शोभन रावत ने उन्हें यकीन दिलाया था कि उनके मालिक द्वारा मुरैना में ही चारधाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है. 29 मई को वह ट्रैवल्स एजेंट के मालिक रामेंद्र सिकरवार द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से हम लोगों को रजिस्ट्रेशन भेजा गया, परंतु जब हम लोग ऋषिकेश क्षेत्र में पहुंचे तो पुलिस चेकिंग बैरियर पर चेकिंग के दौरान हमें बताया गया की यह रजिस्ट्रेशन फर्जी है और उन्हें वापस कर दिया गया. जिस कारण वे लोग यात्रा नहीं कर पाए हैं.
शिकायतकर्ता ने बताया की ट्रैवल एजेंसी द्वारा 6 लाख 40 हजार ठग लिए गए हैं. रजिस्ट्रेशन भी फर्जी कराया गया है. प्राप्त दोनों लिखित तहरीर के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा उपरोक्त ट्रैवल्स एजेंट एवं ट्रैवल्स एजेंसी के विरुद्ध कोतवाली में धारा-420 आईपीसी के अंतर्गत अलग अलग मुकदमे पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई है.