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उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टियों की कसरत तेज, ऐसे होते हैं कैंडिडेट सिलेक्ट - जिताऊ उम्मीदवार को टिकट

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है. राजनीतिक दल जिताऊ कैंडिडेट की खोज में सर्वे करा रहे हैं. उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटें हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली थीं.

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देहरादून
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Published : Sep 1, 2021, 6:09 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 8:15 PM IST

देहरादूनः विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका होती है. उम्मीदवार का चयन करने के लिए पार्टी पहले सर्वे कराती है. आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने ही शेष बचे हैं. लिहाजा राजनीतिक पार्टियां ने चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया तेज कर दी है.

चुनाव से पहले राजनीतिक दल कई मापदंडों के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन करते हैं. ये मापदंड पार्टियां निर्धारित करती हैं. उन मापदंडों पर खरा उतरने वाले नेता को ही पार्टी टिकट दिया जाता है. यानी कुल मिलाकर देखें तो जिताऊ उम्मीदवार को ही पार्टी टिकट देती है. आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन पार्टियों के लिए काफी चुनौती भरा साबित होने वाला है. क्योंकि साल 2017 के चुनाव में चुनावी परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. 57 सीट भाजपा तो 11 सीट कांग्रेस ने जीती थीं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के लिए टिकट बंटवारा चुनौती भरा है.

उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टियों की कसरत तेज

2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों के बीच टिकट बंटवारे से पहले चर्चा है कि पार्टी मौजूदा विधायकों में से कई विधायकों के टिकट काट सकती है. वहीं, कांग्रेस आगामी चुनाव में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढने के लिए दमखम से तैयारियों में जुटी हुई. क्योंकि, साल 2017 में कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर ही सिमट गई थी. ऐसे में 2022 में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी तरह भाजपा में भी जिताऊ कैंडिडेट को टिकट देने के लिए विधायकों की कार्यशैली पर पार्टी नजर बनाए हुए है.

ये भी पढ़ेंः पूर्व सैनिकों को लुभाने में जुटे गणेश जोशी, भूमि आवंटन का दिया आश्वासन

कांग्रेस की गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी के भीतर कसरत चल रही है. पार्टी अपने स्तर पर उम्मीदवारों को चयनित करती है. इसके लिए प्रदेशभर में प्रभारी भेजे जा चुके हैं, ताकि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पैनल तैयार किया जा सके. ऐसे में जल्द ही इसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कांग्रेस से किसको टिकट मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में मुख्य रूप से फोकस जिताऊ कैंडिडेट पर आता है, जिसके बलबूते सत्ता पर काबिज होना है.

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि उम्मीदवारों का चयन तमाम स्रोतों से जानकारियां एकत्र करने के बाद ही किया जाता है, जिस पर अंतिम निर्णय भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड लेता है. लिहाजा, उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया जारी है. साथ ही कहा कि भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों पर भाजपा आलाकमान की नजर है. ऐसे में बेहतर काम करने वाले जनप्रतिनिधियों को ही भाजपा की ओर से उम्मीदवार चयनित किया जाएगा.

देहरादूनः विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका होती है. उम्मीदवार का चयन करने के लिए पार्टी पहले सर्वे कराती है. आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने ही शेष बचे हैं. लिहाजा राजनीतिक पार्टियां ने चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया तेज कर दी है.

चुनाव से पहले राजनीतिक दल कई मापदंडों के अनुरूप उम्मीदवारों का चयन करते हैं. ये मापदंड पार्टियां निर्धारित करती हैं. उन मापदंडों पर खरा उतरने वाले नेता को ही पार्टी टिकट दिया जाता है. यानी कुल मिलाकर देखें तो जिताऊ उम्मीदवार को ही पार्टी टिकट देती है. आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन पार्टियों के लिए काफी चुनौती भरा साबित होने वाला है. क्योंकि साल 2017 के चुनाव में चुनावी परिणाम काफी चौंकाने वाले थे. 57 सीट भाजपा तो 11 सीट कांग्रेस ने जीती थीं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के लिए टिकट बंटवारा चुनौती भरा है.

उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टियों की कसरत तेज

2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों के बीच टिकट बंटवारे से पहले चर्चा है कि पार्टी मौजूदा विधायकों में से कई विधायकों के टिकट काट सकती है. वहीं, कांग्रेस आगामी चुनाव में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढने के लिए दमखम से तैयारियों में जुटी हुई. क्योंकि, साल 2017 में कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर ही सिमट गई थी. ऐसे में 2022 में जिताऊ कैंडिडेट ढूंढना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी तरह भाजपा में भी जिताऊ कैंडिडेट को टिकट देने के लिए विधायकों की कार्यशैली पर पार्टी नजर बनाए हुए है.

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कांग्रेस की गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी के भीतर कसरत चल रही है. पार्टी अपने स्तर पर उम्मीदवारों को चयनित करती है. इसके लिए प्रदेशभर में प्रभारी भेजे जा चुके हैं, ताकि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पैनल तैयार किया जा सके. ऐसे में जल्द ही इसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कांग्रेस से किसको टिकट मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में मुख्य रूप से फोकस जिताऊ कैंडिडेट पर आता है, जिसके बलबूते सत्ता पर काबिज होना है.

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि उम्मीदवारों का चयन तमाम स्रोतों से जानकारियां एकत्र करने के बाद ही किया जाता है, जिस पर अंतिम निर्णय भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड लेता है. लिहाजा, उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया जारी है. साथ ही कहा कि भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों पर भाजपा आलाकमान की नजर है. ऐसे में बेहतर काम करने वाले जनप्रतिनिधियों को ही भाजपा की ओर से उम्मीदवार चयनित किया जाएगा.

Last Updated : Sep 1, 2021, 8:15 PM IST
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