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रोबोटिक रेडियोथेरेपी साइबर नाइफ एस 7 मशीन से होगा कैंसर का इलाज, मरीजों को मिलेगा फायदा

कैंसर मरीजों का इलाज अब रोबोटिक रेडियोथेरेपी नाइफ एस 7 मशीन से होगा. इस मशीन के जरिए बड़े ट्यूमर का ट्रीटमेंट हो सकेगा. इतना ही नहीं इस मशीन से सिटिंग की संख्या भी घट जाएगी. इसकी जानकारी मेरठ के कैंसर अस्पताल के अमित जैन ने दी है.

Robotic Radiotherapy Cyber Knife S7 Machine
रोबोटिक रेडियोथेरेपी साइबर नाइफ एस 7 मशीन
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Published : Apr 10, 2023, 11:43 AM IST

Updated : Apr 10, 2023, 11:53 AM IST

देहरादूनः अब कैंसर का इलाज भारत की पहली रोबोटिक रेडियोथेरेपी साइबर नाइफ S7 मशीन से होगा. इस मशीन से फेफड़ा, छाती, प्रोस्टेट, लीवर जैसे कैंसर के बड़े से बड़े ट्यूमर का इलाज होगा. जो अभी तक 40 सिटिंग में होता था, अब इस मशीन के आने के बाद मात्र 1 से 5 सिटिंग में पूरा हो जाता है.

मेरठ के कैंसर अस्पताल के अमित जैन ने बताया कि इस मशीन की कीमत करीब 42 करोड़ रुपए है. अभी तक 22 सेंटीमीटर के ट्यूमर वाले मरीज का इलाज किया जा चुका है. डॉ. जैन के मुताबिक मस्तिष्क का कैंसर और बिना कैंसर वाले ट्यूमर का इलाज भी मशीन के माध्यम से बिना ऑपरेशन किया जा सकता है. इसमें बिना किसी दर्द और साइड इफेक्ट के मात्र 1 से 5 सिटिंग में पूरा किया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः कुमाऊं का सबसे बड़े कैंसर हॉस्पिटल बनेगा इंस्टीट्यूट, पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज 15 दिन में शुरू करने के निर्देश

कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि इस मशीन से देश और विदेश से अभी तक 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज पूरा हो चुका है. यह मशीन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मरीजों के लिए एक उम्मीद की नई किरण लेकर आई है. उन्होंने बताया कि यह भारत की पहली मशीन है, जो विदेश से लाई गई है. गौर हो कि इस अस्पताल में उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी इंपैनल्ड है. देहरादून से मेरठ के लिए अस्पताल की ओर से फ्री ट्रांसपोर्ट सुविधा दी गई है. जिसका मरीज लाभ उठा रहे हैं. इसके साथ ही गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज भी यहां हो रहा है.

देहरादूनः अब कैंसर का इलाज भारत की पहली रोबोटिक रेडियोथेरेपी साइबर नाइफ S7 मशीन से होगा. इस मशीन से फेफड़ा, छाती, प्रोस्टेट, लीवर जैसे कैंसर के बड़े से बड़े ट्यूमर का इलाज होगा. जो अभी तक 40 सिटिंग में होता था, अब इस मशीन के आने के बाद मात्र 1 से 5 सिटिंग में पूरा हो जाता है.

मेरठ के कैंसर अस्पताल के अमित जैन ने बताया कि इस मशीन की कीमत करीब 42 करोड़ रुपए है. अभी तक 22 सेंटीमीटर के ट्यूमर वाले मरीज का इलाज किया जा चुका है. डॉ. जैन के मुताबिक मस्तिष्क का कैंसर और बिना कैंसर वाले ट्यूमर का इलाज भी मशीन के माध्यम से बिना ऑपरेशन किया जा सकता है. इसमें बिना किसी दर्द और साइड इफेक्ट के मात्र 1 से 5 सिटिंग में पूरा किया जा सकता है.
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कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि इस मशीन से देश और विदेश से अभी तक 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज पूरा हो चुका है. यह मशीन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मरीजों के लिए एक उम्मीद की नई किरण लेकर आई है. उन्होंने बताया कि यह भारत की पहली मशीन है, जो विदेश से लाई गई है. गौर हो कि इस अस्पताल में उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी इंपैनल्ड है. देहरादून से मेरठ के लिए अस्पताल की ओर से फ्री ट्रांसपोर्ट सुविधा दी गई है. जिसका मरीज लाभ उठा रहे हैं. इसके साथ ही गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज भी यहां हो रहा है.

Last Updated : Apr 10, 2023, 11:53 AM IST
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