देहरादून: प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस बीजेपी के साथ ही अन्य पार्टियों ने भी कमर कस ली है. साथ ही बयानों के द्वारा वार और पलटवार का दौर जारी है. चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने सरकार पर ऐसे मुद्दों के जरिए हमलावर रुख अपनाया है जो आम लोगों से जुड़े हैं और इसका भाजपा के खिलाफ बड़ा असर भी संभव है. ऐसे ही एक मुद्दे को लेकर कांग्रेस मंगलवार को विधानसभा के सामने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है. बड़ी बात यह है कि मंगलवार यानी आज कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन है, लेकिन उससे पहले ही सरकार ने सोमवार को मुद्दे पर अपना रिएक्शन जारी कर दिया.
प्रदेश में चारधाम यात्रा को खोले जाने पर कांग्रेस मंगलवार यानी आज विधानसभा के सामने जोरदार प्रदर्शन करने जा रही है. इसके लिए कांग्रेस ने बड़ी तैयारी भी की है और देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जोड़ने के निर्देश भी जारी किए हैं, लेकिन इससे पहले कि कांग्रेस इस प्रदर्शन को मंगलवार को करें सरकार ने पहले ही कांग्रेस पर अपना रिएक्शन देते हुए हमलावर रुख अपना दिया है.
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इस मामले में बकायदा सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बयान जारी करते हुए प्रदर्शन से पहले ही कांग्रेस पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. दरअसल, कांग्रेस चारधाम यात्रा को खोलने और कोर्ट में बेहतर पैरवी करने को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है. सरकार जानती है कि चारधाम यात्रा प्रदेश के लिए बेहद जरूरी है और इससे हजारों लोग सीधे जुड़े हुए हैं. ऐसे में यदि कांग्रेस इसका माइलेज ले जाती है तो आगामी चुनाव में भाजपा को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. लिहाजा सरकार की तरफ से बिना इंतजार किए हुए कांग्रेस के प्रदर्शन से पहले ही इसका जवाब भी दिया गया और उनका कांग्रेस पर ही कई आरोप भी लगा दिए.
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सरकार में शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने विरोध का जो कार्यक्रम बनाया है, उसे देखकर हैरानी हो रही है क्योंकि जब कांग्रेस जानती है कि यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है ऐसी स्थिति में सरकार के खिलाफ विरोध का कोई भी औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से पहले ही चारधाम यात्रा को ले जाने का निर्णय कैबिनेट में लिया जा चुका था. लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले पर रोक लगाई है और ऐसे में पूरा मामला अब हाईकोर्ट में ही है. इस मामले पर सरकार बेहतर पैरवी के जरिए हाईकोर्ट से इस रोक को हटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता इस मामले पर राजनीति करने में जुटे हैं.