देहरादून: इन दिनों सोशल मीडिया पर चारधाम यात्रा को लेकर एक झूठी और भ्रामक खबर चलाई जा रही है. जिसमें बताया गया है कि चारधाम यात्रा पर जाने के लिए अब श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है. रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने साफ किया है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. उन्होंने इन खबरों पर भ्रामक करार देते हुए इनका खंडन किया है.
सतपाल महाराज ने कहा चारधाम यात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. उन्होंने यात्रियों से अनुरोध किया कि वह किसी भी प्रकार की अफवाह में ना आएं और पंजीकरण करके ही अपनी यात्रा की शुरुआत करें. उन्होंने कहा सुरक्षा के मद्देनजर यात्रियों का पंजीकरण बहुत ही जरूरी है. पंजीकरण से सरकार को यात्रियों के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त होती है. सतपाल महाराज ने कहा किसी भी घटना की दशा में पंजीकरण में दी गई जानकारी और मोबाइल नंबर के माध्यम से ही संबंधित यात्री और उनके परिवार वालों से संपर्क किया जा सकता है. इसलिए यात्रियों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है.
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बता दें कि कोरोना काल में पिछले दो साल से चारधाम यात्रा पर पाबंदी लगी थी, लेकिन इस बार चारधाम यात्रा फुल फ्लेज में यात्रियों के लिए खोल दी गई है. इसी का नतीजा है कि रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने चारधामों के दर्शन किए हैं. 3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा पर अब तक 23 लाख 40 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किए हैं.
गौरतलब है कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या 23.40 लाख के पार पहुंच गई है. 23 जून शाम 4 बजे तक 23 लाख 40 हजार 307 श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं. 2019 की तुलना में इस बार मात्र डेढ़ महीने में ही दो तिहाई तीर्थयात्री चारधामों में पहुंच चुके हैं. जबकि 32 लाख से अधिक यात्रियों ने पंजीकरण कराया है. वहीं, अब तक चारों धामों में 191 यात्रियों की मौत हो चुकी है.