ऋषिकेश/देहरादून: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) के सदस्य जयेंद्र रमोला को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और उनके बेटे के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करना भारी पड़ गया. जयेंद्र रमोला द्वारा दिए गए बयान को आधार बनाते हुए प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल (Dehradun Kotwali Police) ने देहरादून कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है. इसके साथ ही पीयूष ने कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी और कांग्रेस नेता अभिनव थापर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
पुलिस ने बताया कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 28 दिसंबर 2022 को कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने गरिमा दसौनी और अभिनव थापर के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें जयेंद्र रमोला ने उनके पिता पर कई भ्रामक आरोप लगाते हुए उनकी छवि को धूमिल किया. पीयूष ने तहरीर में कहा जयेंद्र रमोला ने तपोवन क्षेत्र में 200 वर्ग गज भूखंड खरीदने के नाम पर राजस्व और स्टाम्प चोरी करने के आरोप लगाए, जो निराधार हैं.
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पीयूष ने आरोप लगाया कि जयेंद्र रमोला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को अपने फेसबुक पेज से लाइव भी चलाया. जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस उत्तराखंड के फेसबुक पेज से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस का लाइव भी लोगों को दिखाया गया. कांफ्रेंस के दौरान जयेंद्र रमोला ने जो भी बातें मीडिया के सामने रखी, उस भ्रामक जानकारी देने की वजह से उनके पिता प्रेमचंद अग्रवाल की छवि धूमिल हुई है.
तहरीर में पीयूष अग्रवाल ने जयेंद्र रमोला, गरिमा दसौनी और अभिनव थापर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बता दें कि दो दिन पहले कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा था कि वह जल्दी ही जयेंद्र रमोला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. क्योंकि लगातार उनके ऊपर आरोपों की झड़ी लगाने वाले जयेंद्र रमोला अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. चुनाव के दौरान करारी हार होने के बाद से जयेंद्र रमोला उनसे दुश्मनी निकाल रहे हैं.
वहीं, एफआईआर दर्ज होने पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा ने अपनी सफाई दी है. गरिमा ने सरकार को दमनकारी बताया है. उन्होंने कहा वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने पद और रसूख का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं. वित्त मंत्री के पुत्र पर यूं ही आरोप नहीं लगाए गए हैं, बल्कि पूरे सबूत रखे गए हैं. ऐसे में हम पर मुकदमा दर्ज करने की बजाय, उन्हें हिम्मत है तो उन सबूतों और दस्तावेजों को नकार कर दिखाएं.
गरिमा दसौनी ने कहा उत्तराखंड की भूमि किसी की बपौती नहीं है. इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए. वित्त मंत्री अपनी सत्ता का दुरुपयोग करते हुए विपक्ष की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं. मामले में कानून अपना काम करेगा.