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सरकारी नौकरी छोड़ आए थे राजनीति में, बेदाग रहा 'सफेद कुर्ता' - नहीं रहे उत्तराखंड के काबिना मंत्री प्रकाश पंत

साफ और सरल छवि वाले कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत नहीं रहे. जानें कैसे शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर.

दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत.
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Published : Jun 5, 2019, 8:27 PM IST

देहरादून: वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का नाम प्रदेश के ऐसे नेताओं में शुमार हैं जिनकी साफ छवि पर कभी कोई दाग नहीं लगा. अक्सर सफेद कपड़ों में नजर आने वाले प्रकाश पंत स्वभाव से भी काफी सरल थे. लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे मंत्री प्रकाश पंत ने बुधवार देर शाम अमेरिका में आखरी सांस ली.

  • उत्तराखंड में मेरे वरिष्ठ सहयोगी एवं प्रदेश के वित्तमंत्री श्री प्रकाश पंत जी का अमेरिका में इलाज के दौरान स्वर्गवास होने का समाचार पा कर स्तब्ध भी हूँ और व्यथित भी।प्रकाश जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत एवं अपूर्णीय क्षति है; उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया।

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) June 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 में पिथौरागढ़ के ग्राम खड़कोट में हुआ था. राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने डिप्लोमा इन फार्मेसी में स्नातक डिग्री हासिल कर सरकारी नौकरी शुरू की. लेकिन, सरकारी नौकरी में स्वतंत्र रूप से काम न कर पाने की वजह से उन्होंने साल 1984 में सरकारी नौकरी छोड़ते हुए राजनीति से जुड़ने का फैसला लिया.

पढ़ें- उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन, अमेरिका के अस्पताल में ली अंतिम सांस

प्रकाश पंत ने BJP का दामन थामते हुए समाज सेवा करने का मन बनाया. प्रकाश पंत बेहद ही साफ और सरल छवि के नेता रहे, जिनपर कभी किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. राजनीति में कदम रखने के बाद से ही वो बीजेपी के साथ ही जुड़े रहे. उन्होंने किसी भी परिस्थिति में अपनी पार्टी का दामन नहीं छोड़ा. उनके आदर्श हमेशा से ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रहे.

मंत्री प्रकाश पंत का राजनीतिक सफर

  • साल 1988 में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ में सदस्य निर्वाचित हुए. साल 1998 प्रकाश पंत का वो यादगार दिन था, जब वो पहली बार उत्तर प्रदेश में बतौर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए.
  • उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2001 में प्रकाश पंत प्रदेश के पहले विधानसभा अध्यक्ष बनाये गए.
  • साल 2002 में पंत अपने राजनीतिक सफर की ओर ऊंचाइयों को छूने लगेृ. इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा से वो सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 2007 में बनी द्वितीय राज्य सरकार में उन्हें उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
  • साल 2007 के बाद ऐसा कोई साल नहीं रहा जब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिला हो.
  • साल 2017 में चतुर्थ निर्वाचित सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया.
  • वर्तमान सरकार में प्रकाश पंत वित्त, आबकारी, जल जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे थे.

पढ़ें- अपनी 'नन्ही कली' को छोड़ विदा हो गये पंत, अफसर बिटिया के नाम लिखी थी ये कविता

कुल मिलाकर देखा जाए तो मंत्री प्रकाश पंत एक बेहतरीन राजनेता थे, जिन्हें उत्तराखंड सरकार में 3 बार कैबिनेट मंत्री का जिम्मा मिला. जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए प्रकाश पंत ने इमानदारी का भी खास ख्याल रखा. यही कारण है कि अबतक प्रकाश पंत के सफेद कुर्ते पर कोई आरोप रूपी धब्बा नहीं लगा.

देहरादून: वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का नाम प्रदेश के ऐसे नेताओं में शुमार हैं जिनकी साफ छवि पर कभी कोई दाग नहीं लगा. अक्सर सफेद कपड़ों में नजर आने वाले प्रकाश पंत स्वभाव से भी काफी सरल थे. लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे मंत्री प्रकाश पंत ने बुधवार देर शाम अमेरिका में आखरी सांस ली.

  • उत्तराखंड में मेरे वरिष्ठ सहयोगी एवं प्रदेश के वित्तमंत्री श्री प्रकाश पंत जी का अमेरिका में इलाज के दौरान स्वर्गवास होने का समाचार पा कर स्तब्ध भी हूँ और व्यथित भी।प्रकाश जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत एवं अपूर्णीय क्षति है; उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया।

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) June 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 में पिथौरागढ़ के ग्राम खड़कोट में हुआ था. राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने डिप्लोमा इन फार्मेसी में स्नातक डिग्री हासिल कर सरकारी नौकरी शुरू की. लेकिन, सरकारी नौकरी में स्वतंत्र रूप से काम न कर पाने की वजह से उन्होंने साल 1984 में सरकारी नौकरी छोड़ते हुए राजनीति से जुड़ने का फैसला लिया.

पढ़ें- उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन, अमेरिका के अस्पताल में ली अंतिम सांस

प्रकाश पंत ने BJP का दामन थामते हुए समाज सेवा करने का मन बनाया. प्रकाश पंत बेहद ही साफ और सरल छवि के नेता रहे, जिनपर कभी किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा. राजनीति में कदम रखने के बाद से ही वो बीजेपी के साथ ही जुड़े रहे. उन्होंने किसी भी परिस्थिति में अपनी पार्टी का दामन नहीं छोड़ा. उनके आदर्श हमेशा से ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रहे.

मंत्री प्रकाश पंत का राजनीतिक सफर

  • साल 1988 में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ में सदस्य निर्वाचित हुए. साल 1998 प्रकाश पंत का वो यादगार दिन था, जब वो पहली बार उत्तर प्रदेश में बतौर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए.
  • उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2001 में प्रकाश पंत प्रदेश के पहले विधानसभा अध्यक्ष बनाये गए.
  • साल 2002 में पंत अपने राजनीतिक सफर की ओर ऊंचाइयों को छूने लगेृ. इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा से वो सदस्य निर्वाचित हुए.
  • साल 2007 में बनी द्वितीय राज्य सरकार में उन्हें उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
  • साल 2007 के बाद ऐसा कोई साल नहीं रहा जब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिला हो.
  • साल 2017 में चतुर्थ निर्वाचित सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया.
  • वर्तमान सरकार में प्रकाश पंत वित्त, आबकारी, जल जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे थे.

पढ़ें- अपनी 'नन्ही कली' को छोड़ विदा हो गये पंत, अफसर बिटिया के नाम लिखी थी ये कविता

कुल मिलाकर देखा जाए तो मंत्री प्रकाश पंत एक बेहतरीन राजनेता थे, जिन्हें उत्तराखंड सरकार में 3 बार कैबिनेट मंत्री का जिम्मा मिला. जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए प्रकाश पंत ने इमानदारी का भी खास ख्याल रखा. यही कारण है कि अबतक प्रकाश पंत के सफेद कुर्ते पर कोई आरोप रूपी धब्बा नहीं लगा.

Intro:देहरादून- वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का नाम प्रदेश के ऐसे नेताओं में शुमार हैं जिन की साफ छवि पर कभी कोई दाग नहीं लगा । अक्सर सफेद कपड़ों में नजर आने वाले प्रकाश पंत स्वभाव से भी काफी सरल हैं ।

बता दे कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 में पिथौरागढ़ जनपद के ग्राम खडकोट में हुआ था । राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने डिप्लोमा इन फार्मेसी की स्नातक डिग्री हासिल कर सरकारी नौकरी शुरू कर दी थी । लेकिन सरकारी नौकरी में स्वतंत्र रूप से कम न कर पाने के चलते साल साल 1984 उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और राजनीति से जुड़ने का फैसला किया ।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) वह राजनीतिक पार्टी थी इसका दामन थाम कर उन्होंने समाज सेवा करने का मन बनाया । पंडित दीनदयाल उपाध्याय उनके सबसे बड़े आदर्श थे।








Body:मंत्री प्रकाश पंत के राजनीतिक सफर पर गौर करें तो साल 1988 में वह नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ में सदस्य निर्वाचित हुए। वहीं सन 1998 उनकी जिंदगी का वह यादगार दिन था जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्य निर्वाचित हुए ।

बता दें कि प्रकाश पंत बेहद ही साफ औऱ सरल छवि के नेता थे राजनीति में कदम रखने के बाद से ही वह बीजेपी के साथ ही जुड़े रहे उ। न्होंने किसी भी परिस्थिति में अपनी पार्टी का कभी साथ नहीं छोड़ा। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2001 में प्रकाश पंत प्रदेश के पहले विधानसभा अध्यक्ष बनाये गए।




Conclusion:वहीं साल 2002 में वह अपने राजनीतिक सफर की ओर अधिक उचाईयों को छूने लगे। इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा से वह सदस्य निर्वाचित हुए।

वहीं साल 2007 में हुए द्वितीय राज्य सरकार में पहली बार उन्हें उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। बता दें कि साल 2007 के बाद ऐसा कोई साल नहीं रहा जब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा न मिला हो साल 2017 में चतुर्थ निर्वाचित सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया था । इसके बाद एक बार फिर चतुर्थ निर्वाचित सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया । वर्तमान सरकार में प्रकाश पंत वित्त, आबकारी, जल जैसे महत्वपूर्ण विभाग सम्हाल रहे है ।

कुल मिलाकर देखा जाए तो मंत्री प्रकाश पंत एक बेहतरीन राजनेता है इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड सरकार में वह अब तक 3 बार कैबिनेट मंत्री की ज़िम्मेदारी सम्हाल चुके हैं ।
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