देहरादूनः उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड और पाखरो में टाइगर सफारी को लेकर भाजपा विधायक दिलीप रावत के बयान पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रेसवार्ता की. प्रेस वार्ता में हरक सिंह रावत का आक्रामक अंदाज नजर आया.
उन्होंने विधायक दिलीप रावत के बयान का खंडन किया औऱ कहा कि पाखरों में टाइगर सफारी से कंडी मार्ग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वन और पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद कंडी मार्ग को बनाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि पाखरो में 150 करोड़ की लागत से टाइगर सफारी बनाया जाएगा. पहले चरण में 48 करोड़ रिलीज किए जाएंगे. हरक सिंह ने कहा कि टाइगर सफारी में प्राकृतिक ज़ू के रूप में सफारी होगी. इसमें 20 हेक्टेयर से ज्यादा बड़े क्षेत्र में बाड़ा होगा. वहीं, 106 हेक्टेयर क्षेत्र में टाइगर सफारी बनेगा.
दरअसल, हाल ही में पाखरो गेट क्षेत्र में टाइगर सफारी का शिलान्यास वन मंत्री हरक सिंह रावत ने किया था. जिसके बाद भाजपा के लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने हरक सिंह रावत के इस शिलान्यास पर अपना बयान देते हुए इसे कंडी मार्ग के लिए अवरोधक बताया था. कोटद्वार क्षेत्र में कंडी मार्ग हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में रहा है और ऐसे में भाजपा के ही विधायक का इस तरह बयान आने के बाद अब हरक सिंह रावत काफी आक्रामक मूड में दिख रहे हैं.
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3 साल के कार्यकाल में हमने किए ऐतिहासिक काम
हरक सिंह रावत ने कर्मकार कल्याण बोर्ड विवाद पर भी बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने कहा कि तीन साल में 380 करोड़ का सेस इकट्ठा किया. जबकि 2008 से 2017 तक मात्र 176 करोड़ सेस इकट्ठा किया गया. पिछले 7 साल में 1लाख 90 हजार 73 मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. हरक सिंह ने कहा कि हमने 3 साल में 1 लाख 80 हजार मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया.
हरक ने बताया कि जब हमने खातों में श्रमिकों को पैसा डाल दिया तो इसमें घोटाला कैसे हुआ? यही नहीं शहीद परिवारों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख से बढ़ाने की सीएम त्रिवेंद्र से मांग की है. हरक सिंह ने कहा कि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कोई मेरे बारे में क्या सोचता है. बता दें कि उत्तराखंड में कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर लगे आरोपों के बाद हरक सिंह पहली बार मीडिया से रूबरू हुए और आक्रामक रूप में नजर आए.