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आपदा प्रभावितों का जल्द होगा पुनर्वास, आपदा प्रबंधन मंत्री ने दिए निर्देश

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Published : Jun 19, 2021, 10:30 AM IST

आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग की बैठक ली. जिसमें आपदा प्रभावितों को जल्द पुनर्वास के लिए जरूरी निर्देश दिए.

Disaster control
जल्द होगा पुनर्वास

देहरादून: आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग की दूसरे चरण की बैठक हुई. जिसमें आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन विधायक और शासन के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विधायकों ने बताया कि विस्थापन/पुनर्वास नीति-2011 में ऐसे मानक हैं जिनके चलते प्रभावितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है.

संयुक्त परिवार को नहीं मिलता पूरा लाभ

विधायकों ने बताया कि कई संयुक्त परिवार ऐसे हैं जिनके 2-3 भाई रहते हैं, उनके एक ही भाई को आपदा संबंधी क्षतिपूर्ति मिल पाती है, जबकि दो को नहीं मिल पाती है. विधायकों ने आपदा प्रबंधन मंत्री को बताया कि जिलाधिकारी स्तर से पुनर्वास के लिए चयनित गांवों की सूची में केवल 4-5 साल पुराने आपदाग्रस्त गांव ही शामिल किए गए हैं. जबकि वर्तमान में कई आपदाग्रस्त गांवों के नाम सूची में आने से वंचित रह गया है.

आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग की बैठक.

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विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में होगा संशोधन

वहीं, इस मामले में विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी विधायक वर्तमान स्थिति को देखते हुए सूची से वंचित गांव का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएं. जिनको पुनर्वास की सूची में शामिल करा लिया जाएगा. साथ ही विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के मद्देनजर अपने सुझाव सरकार को उपलब्ध कराएं. जिनको संशोधन नीति-2021 में शामिल किया जाएगा. बता दें कि आगामी कैबिनेट में विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा. जिसमें कई व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

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44 गांवों का हो चुका है विस्थापन

वहीं, इस संबंध में आपदा प्रबंधन के सचिव एस ए मुरुगेशन ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त गांवों का पुनर्वास एक सतत प्रक्रिया है. जिसको दूर करने के प्रयास भी सतत रहेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा साल 2012 से अब तक 44 गांवों के 1101 परिवारों का पुनर्वास कराया जा चुका है. जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में आतिथि तक 4 ग्राम पंचायतों के 144 परिवारों के पुनर्वास हेतु 5 करोड़ 20 लाख 65 हजार रुपए की धनराशि निर्गत की जा चुकी है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्राप्त आपदा चिन्हित गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया गतिमान है.

पुनर्वास

  • 2012 से अब तक 44 गावों के 1101 परिवारों का पुनर्वास
  • 2021-22 में 4 ग्राम पंचायतों के 144 परिवारों का होगा पुनर्वास
  • पुनर्वास के लिए खर्च होंगे 5 करोड़ 20 लाख 65 हजार रुपए

वहीं, विधायकों द्वारा अपने क्षेत्र के क्षतिग्रस्त सड़कों, स्कूल एवं पंचायत भवनों और बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्यों को आपदा मद से किये जाने की मांग पर विभागीय सचिव ने बताया कि उपरोक्त कार्य संबंधित रेखीय विभागों द्वारा कराये जाते हैं. जिनको मांग के आधार पर हर साल जिलाधिकारी के माध्यम से आपदा मद से समुचित धनराशि उपलब्ध कराई जाती है.

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बता दें कि बैठक में रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, रामनगर विधायक दिवान सिंह बिष्ट, गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला, पिथौरागढ़ विधायक चन्द्रा पंत, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव, अपर सचिव सबिन बंसल, निदेशक यू-सैक प्रो. एमपीएस बिष्ट, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव रईस अहम, अनुभाग अधिकारी एसडी बेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

देहरादून: आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग की दूसरे चरण की बैठक हुई. जिसमें आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन विधायक और शासन के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विधायकों ने बताया कि विस्थापन/पुनर्वास नीति-2011 में ऐसे मानक हैं जिनके चलते प्रभावितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है.

संयुक्त परिवार को नहीं मिलता पूरा लाभ

विधायकों ने बताया कि कई संयुक्त परिवार ऐसे हैं जिनके 2-3 भाई रहते हैं, उनके एक ही भाई को आपदा संबंधी क्षतिपूर्ति मिल पाती है, जबकि दो को नहीं मिल पाती है. विधायकों ने आपदा प्रबंधन मंत्री को बताया कि जिलाधिकारी स्तर से पुनर्वास के लिए चयनित गांवों की सूची में केवल 4-5 साल पुराने आपदाग्रस्त गांव ही शामिल किए गए हैं. जबकि वर्तमान में कई आपदाग्रस्त गांवों के नाम सूची में आने से वंचित रह गया है.

आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग की बैठक.

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विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में होगा संशोधन

वहीं, इस मामले में विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी विधायक वर्तमान स्थिति को देखते हुए सूची से वंचित गांव का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएं. जिनको पुनर्वास की सूची में शामिल करा लिया जाएगा. साथ ही विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के मद्देनजर अपने सुझाव सरकार को उपलब्ध कराएं. जिनको संशोधन नीति-2021 में शामिल किया जाएगा. बता दें कि आगामी कैबिनेट में विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा. जिसमें कई व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

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44 गांवों का हो चुका है विस्थापन

वहीं, इस संबंध में आपदा प्रबंधन के सचिव एस ए मुरुगेशन ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त गांवों का पुनर्वास एक सतत प्रक्रिया है. जिसको दूर करने के प्रयास भी सतत रहेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा साल 2012 से अब तक 44 गांवों के 1101 परिवारों का पुनर्वास कराया जा चुका है. जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में आतिथि तक 4 ग्राम पंचायतों के 144 परिवारों के पुनर्वास हेतु 5 करोड़ 20 लाख 65 हजार रुपए की धनराशि निर्गत की जा चुकी है. इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्राप्त आपदा चिन्हित गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया गतिमान है.

पुनर्वास

  • 2012 से अब तक 44 गावों के 1101 परिवारों का पुनर्वास
  • 2021-22 में 4 ग्राम पंचायतों के 144 परिवारों का होगा पुनर्वास
  • पुनर्वास के लिए खर्च होंगे 5 करोड़ 20 लाख 65 हजार रुपए

वहीं, विधायकों द्वारा अपने क्षेत्र के क्षतिग्रस्त सड़कों, स्कूल एवं पंचायत भवनों और बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्यों को आपदा मद से किये जाने की मांग पर विभागीय सचिव ने बताया कि उपरोक्त कार्य संबंधित रेखीय विभागों द्वारा कराये जाते हैं. जिनको मांग के आधार पर हर साल जिलाधिकारी के माध्यम से आपदा मद से समुचित धनराशि उपलब्ध कराई जाती है.

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बता दें कि बैठक में रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, रामनगर विधायक दिवान सिंह बिष्ट, गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला, पिथौरागढ़ विधायक चन्द्रा पंत, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव, अपर सचिव सबिन बंसल, निदेशक यू-सैक प्रो. एमपीएस बिष्ट, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव रईस अहम, अनुभाग अधिकारी एसडी बेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

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