ETV Bharat / state

मंत्री चुफाल ने लिया पेयजल योजनाओं का फीडबैक, DPR जल्द बनाने का निर्देश

जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने अधिकारियों से सभी योजनाओं का फीडबैक लिया है. वहीं सभी योजनाओं को जल्द से जल्द से धरातल पर उतारने के दिशा-निर्देश दिए.

cabaint minister bishan singh news
cabaint minister bishan singh news
author img

By

Published : Aug 24, 2021, 3:18 PM IST

देहरादून: पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मंगलवार 24 अगस्त को विधानसभा में पेयजल विभाग के अन्तर्गत जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में मुख्य अभियन्ता उत्तराखंड पेयजल निगम ने बताया कि राज्य के पहाड़ी जनपदों में उत्तराखंड पेयजल निगम की ओर बहुग्रामी की 45 पेयजल योजनाएं हैं. इसमें से 21 पेयजल योजनाओं में डीपीआर बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर बनाये जाने का कार्य इसी साल सितंबर में पूरा कर लिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि डीपीआर बनने के बाद नवंबर तक इन योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक दशा में इस साल सितंबर तक शेष 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर का काम भी पूरा कर लिया जाए.

पढ़ें- मॉनसून सत्र: दूसरे दिन विपक्ष का हंगामा, धामी सरकार ने पेश किए ये विधेयक

इसके अलावा मंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसी योजनायें जिनमें कई ग्राम पंचायतों को पेयजल से लाभान्वित किया जाना है, उनकी डीपीआर का काम भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. सचिव पेयजल ने बैठक में बताया कि ऐसी योजनाएं जिनमें डीपीआर बनाने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, उन योजनाओं में डीपीआर बनाये जाने हेतु नियोजन विभाग के अन्तर्गत अनुबन्धित एजेंसियों के माध्यम से डीपीआर बनाने का कार्य इसी साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें होने वाला खर्च जल जीवन मिशन के मद से वहन किया जायेगा.

सचिव पेयजल ने भी बताया कि राज्य में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 55 लीटर पेयजल प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है. मुख्य महाप्रबन्धक उत्तराखंड जल संस्थान ने बताया कि राज्य के समस्त जनपदों में गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु पेयजल लैब क्रियाशील हैं, जबकि राज्य के 95 विकासखंडों में पेयजल लैब स्थापना का कार्य गतिमान है, जिसे इसी साल नवंबर पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें- हरीश रावत ने जुमलेबाज पार्टियों और उनके नेताओं से बचने की दी सलाह

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसी ग्राम पंचायतें/योजनाएं जिनमें लोगों को बहुत कम पानी मिल रहा है, अथवा केवल नल के कनेक्शन दे दिये गये हैं और जल संस्थान द्वारा पानी के बिल जारी किये जा रहे हैं, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए. जब तक वहां पेयजल की सुचारू व्यवस्था नहीं हो जाती है, तबतक किसी प्रकार के बिल जारी न किए जाएं. सभी जिलों के हर विकासखंड में लैब की स्थापना की जाये. जिससे पानी की गुणवत्ता निर्धारित किये जाने और लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके.

देहरादून: पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने मंगलवार 24 अगस्त को विधानसभा में पेयजल विभाग के अन्तर्गत जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में मुख्य अभियन्ता उत्तराखंड पेयजल निगम ने बताया कि राज्य के पहाड़ी जनपदों में उत्तराखंड पेयजल निगम की ओर बहुग्रामी की 45 पेयजल योजनाएं हैं. इसमें से 21 पेयजल योजनाओं में डीपीआर बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर बनाये जाने का कार्य इसी साल सितंबर में पूरा कर लिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि डीपीआर बनने के बाद नवंबर तक इन योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक दशा में इस साल सितंबर तक शेष 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर का काम भी पूरा कर लिया जाए.

पढ़ें- मॉनसून सत्र: दूसरे दिन विपक्ष का हंगामा, धामी सरकार ने पेश किए ये विधेयक

इसके अलावा मंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसी योजनायें जिनमें कई ग्राम पंचायतों को पेयजल से लाभान्वित किया जाना है, उनकी डीपीआर का काम भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. सचिव पेयजल ने बैठक में बताया कि ऐसी योजनाएं जिनमें डीपीआर बनाने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, उन योजनाओं में डीपीआर बनाये जाने हेतु नियोजन विभाग के अन्तर्गत अनुबन्धित एजेंसियों के माध्यम से डीपीआर बनाने का कार्य इसी साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें होने वाला खर्च जल जीवन मिशन के मद से वहन किया जायेगा.

सचिव पेयजल ने भी बताया कि राज्य में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 55 लीटर पेयजल प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है. मुख्य महाप्रबन्धक उत्तराखंड जल संस्थान ने बताया कि राज्य के समस्त जनपदों में गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु पेयजल लैब क्रियाशील हैं, जबकि राज्य के 95 विकासखंडों में पेयजल लैब स्थापना का कार्य गतिमान है, जिसे इसी साल नवंबर पूरा कर लिया जाएगा.

पढ़ें- हरीश रावत ने जुमलेबाज पार्टियों और उनके नेताओं से बचने की दी सलाह

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसी ग्राम पंचायतें/योजनाएं जिनमें लोगों को बहुत कम पानी मिल रहा है, अथवा केवल नल के कनेक्शन दे दिये गये हैं और जल संस्थान द्वारा पानी के बिल जारी किये जा रहे हैं, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए. जब तक वहां पेयजल की सुचारू व्यवस्था नहीं हो जाती है, तबतक किसी प्रकार के बिल जारी न किए जाएं. सभी जिलों के हर विकासखंड में लैब की स्थापना की जाये. जिससे पानी की गुणवत्ता निर्धारित किये जाने और लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.