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धामी सरकार के पास समय कम चुनौतियां ज्यादा, अफरशाही खड़ी कर सकती हैं मुश्किलें - uttarakhand upcoming assembly elections

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए समय कम बचा है, लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार के आगे चुनौतियां कम नहीं हैं. जहां एक ओर सरकार को विकास कार्यों में तेजी लानी है वहीं दूसरी ओर अफरशाही पर लगाम लगाने की चुनौती है.

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सरकार के पास समय कम चुनौतियां ज्यादा.
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Published : Aug 22, 2021, 9:55 AM IST

Updated : Aug 22, 2021, 10:14 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान पुष्कर सिंह धामी के सामने सरकार की छवि सुधारने, पार्टी को एकजुट रखने और सबके साथ लेकर चलने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने जैसी चुनौतियां सामने हैं. इस सब के इतर विकास कार्यों में तेजी और नौकरशाही को काबू करने की चुनौती है. ताकि बचे समय में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.

माना जाता है कि चुनाव से पहले नौकरशाही आने वाले चुनाव परिणामों को काफी हद तक भाप लेती है और उसी लिहाज से नौकरशाह चुनावी बेला में फाइलों को बढ़ाते हैं. प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा अब धामी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अधिकारियों से विकास कार्यों की फाइलों को तेजी से आगे बढ़ाना होगा. शायद इस चुनौती का आभास धामी सरकार को भी जरूर होगा.

धामी सरकार के पास समय कम चुनौतियां ज्यादा.

पढ़ें-अफगानिस्तान में फंसे अपनों के लिए धामी सरकार चिंतित, विदेश मंत्रालय से ले रही पल-पल का अपडेट

हालांकि, पिछले कुछ दिनों में लगातार अधिकारियों के तबादलों में सरकार ने काफी ज्यादा तेजी दिखाई है, लेकिन अब सरकार को आने वाले दिनों में फाइलों के मूवमेंट को लेकर अधिकारियों को भरोसे में लेना काफी जरूरी होगा. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत कहते हैं कि जब भी नौकरशाह प्रदेश में सरकार के वापस नहीं आने का अंदाजा लगा लेते हैं तो वह चुनाव से पहले सरकार की सुनना बंद कर देते हैं.

इस मामले में कांग्रेस भी अधिकारियों के इस रवैया से वाकिफ होने की बात कह रही है, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वी पाल सिंह चौहान कहते हैं कि उत्तराखंड में भी नौकरशाह भाजपा की विदाई का अनुमान लगा चुके हैं और कांग्रेस के आने की उम्मीद के साथ अधिकारियों ने विकास कार्यों को ठप कर दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही पिछले 4 सालों से सरकार अब तक कुछ नहीं कर पाई है, ऐसे में अब छह महीनों में सरकार कुछ कर पाएगी इसकी उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.

पढ़ें-'उत्तराखंड के लिए सशक्त भू-कानून जरूरी, प्राकृतिक संसाधनों पर चाहिए अधिकार'

नौकरशाही को लेकर राजनीतिक दलों की सोच और विशेषज्ञों का मानना धामी सरकार की आने वाली चुनौतियों को तो जाहिर कर ही रहती है. लेकिन प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर भी चिंता पैदा करती है. बहरहाल भाजपा इस मामले में साफ कहती है कि ऐसे अधिकारी जो काम नहीं करना चाहते उन्हें राज्य सरकार चिन्हित करेगी, उधर कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि धामी सरकार किस तरह से विकास कार्यों को करेगी, आने वाला वक्त बताएगा और कांग्रेसी भी आने वाले चुनाव में पहले से भी खराब हालातों में दिखाई देगी.

देहरादून: उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान पुष्कर सिंह धामी के सामने सरकार की छवि सुधारने, पार्टी को एकजुट रखने और सबके साथ लेकर चलने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने जैसी चुनौतियां सामने हैं. इस सब के इतर विकास कार्यों में तेजी और नौकरशाही को काबू करने की चुनौती है. ताकि बचे समय में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.

माना जाता है कि चुनाव से पहले नौकरशाही आने वाले चुनाव परिणामों को काफी हद तक भाप लेती है और उसी लिहाज से नौकरशाह चुनावी बेला में फाइलों को बढ़ाते हैं. प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा अब धामी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अधिकारियों से विकास कार्यों की फाइलों को तेजी से आगे बढ़ाना होगा. शायद इस चुनौती का आभास धामी सरकार को भी जरूर होगा.

धामी सरकार के पास समय कम चुनौतियां ज्यादा.

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हालांकि, पिछले कुछ दिनों में लगातार अधिकारियों के तबादलों में सरकार ने काफी ज्यादा तेजी दिखाई है, लेकिन अब सरकार को आने वाले दिनों में फाइलों के मूवमेंट को लेकर अधिकारियों को भरोसे में लेना काफी जरूरी होगा. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत कहते हैं कि जब भी नौकरशाह प्रदेश में सरकार के वापस नहीं आने का अंदाजा लगा लेते हैं तो वह चुनाव से पहले सरकार की सुनना बंद कर देते हैं.

इस मामले में कांग्रेस भी अधिकारियों के इस रवैया से वाकिफ होने की बात कह रही है, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वी पाल सिंह चौहान कहते हैं कि उत्तराखंड में भी नौकरशाह भाजपा की विदाई का अनुमान लगा चुके हैं और कांग्रेस के आने की उम्मीद के साथ अधिकारियों ने विकास कार्यों को ठप कर दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही पिछले 4 सालों से सरकार अब तक कुछ नहीं कर पाई है, ऐसे में अब छह महीनों में सरकार कुछ कर पाएगी इसकी उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.

पढ़ें-'उत्तराखंड के लिए सशक्त भू-कानून जरूरी, प्राकृतिक संसाधनों पर चाहिए अधिकार'

नौकरशाही को लेकर राजनीतिक दलों की सोच और विशेषज्ञों का मानना धामी सरकार की आने वाली चुनौतियों को तो जाहिर कर ही रहती है. लेकिन प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर भी चिंता पैदा करती है. बहरहाल भाजपा इस मामले में साफ कहती है कि ऐसे अधिकारी जो काम नहीं करना चाहते उन्हें राज्य सरकार चिन्हित करेगी, उधर कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि धामी सरकार किस तरह से विकास कार्यों को करेगी, आने वाला वक्त बताएगा और कांग्रेसी भी आने वाले चुनाव में पहले से भी खराब हालातों में दिखाई देगी.

Last Updated : Aug 22, 2021, 10:14 AM IST
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