मुरैना: आपने इंसानों के अपहरण की घटनाओं को लेकर तो बहुत से किस्से सुने होंगे, लेकिन जानवरों के अपहरण की बात थोड़ी अजीब लगती है, पर ये 100 फीसदी सच है. बागी-बीहड़ के लिए मशहूर मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में आजकल एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो भैंसों का अपहरण करता है और बदले में उनके मालिकों से फिरौती मांगता है, जबकि पुलिस इस प्रकार के अपराध से साफ इनकार कर रही है.
कहानी थोड़ी हैरान करती है
पनिहाई में गांव के ही लोग या बिचौलिए उन बदमाशों तक भैंसों की सूचना पहुंचाते हैं और फिर उनके ही जरिए या अपने रिश्तेदारों या परिचित के जरिए भैंसों की जानकारी निकाल कर उसे वापस लेकर आते है. स्थानीय लोगों की मानें तो हर गांव में लगभग 50 फीसदी से ज्यादा लोग पनिहाई का शिकार हुए हैं. पनिहाई में भैंस की कीमत का 25 प्रतिशत या 50 प्रतिशत तक की राशि मालिक को चुकानी पड़ती है.
पुलिस ने किया साफ इनकार
वहीं मुरैना पुलिस भैंसों की चोरी की बात से साफ साफ इंकार कर रही है. पुलिस का कहना है कि पनिहाई जैसी कोई चीज ही नहीं होती है. हालांकि पुलिस इस बात से भी इंकार नहीं कर रही है कि यदि इस प्रकार की शिकायत यदि पुलिस के पास आती है तो वह संबधित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी.
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पनिहाई का मतलब ये है
मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इलाके में लोग भैंसों की फिरौती देकर परेशान हैं. इसे वैसे स्थानीय भाषा में पनिहाई कहा जाता है. पनिहाई का मतलब, मध्यस्थों के जरिए एकमुश्त रकम लेकर चोरी की गई भैंस को उसके मालिक तक पहुंचाना. ग्रामीणों के मुताबिक चंबल पार राजस्थान से आने वाले बदमाश अधिकांश भैंसों की चोरी करते हैं और उनके बदले में पैसे की वसूली करते हैं.