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कर्मकार कल्याण विभाग में नई योजनाओं पर ब्रेक बरकरार, सालभर बाद भी नहीं बन पाया बोर्ड

भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में बोर्ड का गठन नहीं होने से नई योजनाओं पर पानी फिर गया है. सितंबर 2021 में बोर्ड भंग करने के बाद 13 महीने में नए बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है. कर्मकार कल्याण बोर्ड में फिलहाल नई योजनाओं पर ब्रेक लगा हुआ है.

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Published : Nov 17, 2022, 6:43 AM IST

Updated : Nov 17, 2022, 10:10 AM IST

देहरादून: भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय बाद भी नए बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है. सितंबर 2021 में बोर्ड को भंग कर दिया गया था, जिसके बाद से ही कर्मकार कल्याण में नए सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार हो रहा है. खास बात यह है कि बोर्ड का विधिवत गठन ना होने के कारण इसमें नई योजनाओं को लेकर कोई भी काम नहीं हो पा रहा है.

श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाने वाले कर्मकार कल्याण बोर्ड में फिलहाल नई योजनाओं पर ब्रेक (New schemes closed in Workers Welfare Board) लगा हुआ है. राज्य में करीब 4 लाख 50 हजार श्रमिक सीधे तौर पर इस बोर्ड से जुड़े हुए हैं. हालांकि, पूर्व से चली आ रही योजनाओं को संचालित किया जा रहा है लेकिन कोई भी नई योजना बोर्ड में नहीं आ पा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि नई योजनाओं पर मिलने के लिए बोर्ड का विधिवत गठन होना जरूरी है. जबकि सितंबर 2021 में शमशेर सिंह सत्याल के अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही नए बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है.

कर्मकार कल्याण विभाग में नई योजनाओं पर ब्रेक बरकरार.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बनेगा परिवार पहचान पत्र, मुख्य सचिव ने योजना को लेकर ली बैठक

बता दें कि साइकिल आवंटन प्रकरण (uttarakhand cycle allotment case) सामने आने के बाद से ही यह बोर्ड विवादों में रहा है. साल 2020 में पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को इसके अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही इस पर विवाद चल रहा था. तभी से कर्मकार कल्याण बोर्ड में श्रमिकों के हितों को लेकर ठीक से योजनाएं आगे संचालित नहीं हो पा रही थी. फिलहाल बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है और सचिव श्रम के पदेन अध्यक्ष के रूप में इस बोर्ड को संचालित किया जा रहा है. सचिव श्रम आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि बोर्ड के दोबारा से गठन और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विचार किया जा रहा है. इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा.

देहरादून: भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय बाद भी नए बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है. सितंबर 2021 में बोर्ड को भंग कर दिया गया था, जिसके बाद से ही कर्मकार कल्याण में नए सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार हो रहा है. खास बात यह है कि बोर्ड का विधिवत गठन ना होने के कारण इसमें नई योजनाओं को लेकर कोई भी काम नहीं हो पा रहा है.

श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाने वाले कर्मकार कल्याण बोर्ड में फिलहाल नई योजनाओं पर ब्रेक (New schemes closed in Workers Welfare Board) लगा हुआ है. राज्य में करीब 4 लाख 50 हजार श्रमिक सीधे तौर पर इस बोर्ड से जुड़े हुए हैं. हालांकि, पूर्व से चली आ रही योजनाओं को संचालित किया जा रहा है लेकिन कोई भी नई योजना बोर्ड में नहीं आ पा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि नई योजनाओं पर मिलने के लिए बोर्ड का विधिवत गठन होना जरूरी है. जबकि सितंबर 2021 में शमशेर सिंह सत्याल के अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही नए बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है.

कर्मकार कल्याण विभाग में नई योजनाओं पर ब्रेक बरकरार.
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बता दें कि साइकिल आवंटन प्रकरण (uttarakhand cycle allotment case) सामने आने के बाद से ही यह बोर्ड विवादों में रहा है. साल 2020 में पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को इसके अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही इस पर विवाद चल रहा था. तभी से कर्मकार कल्याण बोर्ड में श्रमिकों के हितों को लेकर ठीक से योजनाएं आगे संचालित नहीं हो पा रही थी. फिलहाल बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है और सचिव श्रम के पदेन अध्यक्ष के रूप में इस बोर्ड को संचालित किया जा रहा है. सचिव श्रम आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि बोर्ड के दोबारा से गठन और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विचार किया जा रहा है. इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated : Nov 17, 2022, 10:10 AM IST
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