देहरादून: उत्तराखंड में संक्रमण की लहर अपनी पीक पर पहुंचती दिखाई दे रही है, तो राजनीतिक दलों के लिए सीट की लड़ाई के परिणाम का दिन भी नजदीक आ रहा है. राज्य में सल्ट विधानसभा के लिए उपचुनाव की मतगणना 2 मई को होनी है. ऐसे में राजनीतिक दल जीत-हार के गुणा भाग से लेकर अपने प्रत्याशी के काबिज होने के विभिन्न तर्क सुझाने में जुटे हैं.
सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव के परिणाम 2 मई को आने हैं. इसके लिए जहां निर्वाचन आयोग अपने स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है, तो दूसरी तरफ राजनीतिक दल भी इस सीट पर जीत के लिए अपने गुणा भाग में लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी और इस पर भाजपा की तरफ से स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना ने अपना भाग्य आजमाया है. कांग्रेस ने यहां पर गंगा पंचोली पर दांव खेला है. हालांकि, भाजपा मान रही है कि स्व. सुरेंद्र सिंह जीना ने जिस तरह से काम किया है, उससे महेश जीना का चुनाव जीतना तय है.
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बीजेपी और कांग्रेस का अपना-अपना गणित
राज्य में इस सीट के चुनाव परिणाम बेहद अहम माने जा रहे हैं, लिहाजा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने इस सीट के लिए खूब जोर आजमाइश भी की थी. कांग्रेस के इस सीट पर जीत के अपने ही तर्क है. कांग्रेस की मानें तो 43% के मतदान में 50% से ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले हैं. यह वोट गंगा पंचोली को ही गए हैं. इसके साथ ही सरकार के खिलाफ माहौल और हरीश रावत की अपील का भी इस चुनाव में बेहद असर पड़ा है. इसलिए कांग्रेस भी मानती है कि इस चुनाव में जिस रणनीति के साथ वो लड़ी है, वह भी प्रत्याशी की जीत का कारण बनेगी.