देहरादून: उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य विभाग के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. हालत यह है कि देहरादून सीएमओ कार्यालय में अब एक भी इंजेक्शन नहीं बचा है. उधर ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन की व्यवस्था करने को लेकर उनके तीमारदार सीएमओ कार्यालय में डेरा जमाए हुए हैं. लेकिन इंजेक्शन ना मिलने से इनके हाथ से मायूसी लग रही है.
खत्म हो गए ब्लैक फंगस के इंजेक्शन
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास इसके इंजेक्शन ही मौजूद नहीं हैं. चिंता की बात यह है कि एक तरफ शासन के अधिकारी प्रदेश में इंजेक्शन की आपूर्ति का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ धरातल पर लोगों को इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है. देहरादून सीएमओ कार्यालय में भी ऐसे ही कई मरीजों के तीमारदार इंजेक्शन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सीएमओ साहब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त हैं. कार्यालय के कर्मचारी इंजेक्शन नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. यहां पहुंचे तीमारदारों की मानें तो डॉक्टर की तरफ से अर्जेंट बेस पर इंजेक्शन मंगवाए गए हैं. इसका पर्चा लेकर वे जब सीएमओ कार्यालय पहुंचे हैं तो पिछले 2 दिन से उन्हें इंजेक्शन यहां नहीं मिल पा रहे हैं.
सरकार के प्रवक्ता ने माना इंजेक्शन खत्म हुए
उधर इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल से बात की तो उन्होंने प्रदेश में इंजेक्शन की कमी होने की बात को स्वीकार की है, लेकिन कहते हैं कि इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है. लोगों को इंजेक्शन टाइम से मिल सकें इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं.
पढ़ें: दवाइयों की कालाबाजारी करते हुए दो आरोपी गिरफ्तार, भेजा जेल
स्वास्थ्य विभाग के जानलेवा झूठे दावे
ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच सरकार इंजेक्शन कम होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है तो स्वास्थ्य विभाग झूठे और गलत दावे पेश कर लोगों को भ्रमित कर रहा है. सवाल यह उठता है कि क्या ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. या फिर सरकार समय पर इंजेक्शन की आपूर्ति को लेकर सो रही थी.