देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद भाजपा-कांग्रेस सहित रणभूमि में उतरी सभी पार्टियां अपनी-अपनी सीटों को लेकर गुणा भाग कर आकलन लगाने में जुटी है. सत्ताधारी भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सन्नाटा पसरा है. हालांकि, कुछ कार्यकर्ता और नेता पार्टी दफ्तर आना-जाना कर सीटों के जोड़ घटाव जैसी चर्चाओं में जरूर जुट रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के दिग्गज नेता भी अपने जिलेवार विधानसभा का फीडबैक ले रहे हैं.
चुनावी चर्चाओं के बीच ऐसी भी विश्लेषण भरी खबरें आ रही हैं कि कई भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के सीटों पर बड़ा उलटफेर हो सकता है. इसमें राज्य की 8 महत्वपूर्ण सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ने और घटने से आशंका गहराई है. इस चुनाव में मतदान के बढ़ते आंकड़ों के मुताबिक, लालकुआं विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री हरीश रावत, खटीमा से मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरिद्वार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, श्रीनगर से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और मंत्री धन सिंह रावत, कोटद्वार से ऋतु खंडूड़ी और कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी समेत गंगोत्री से आप से मुख्यमंत्री चेहरे कर्नल कोठियाल के अलावा टिहरी-ऋषिकेश जैसी सीटें शामिल हैं.
वर्ष 2017 और 2022 मतदान % के तुलनात्मक आंकड़े
विधानसभा सीट | 2017 वोट% | 2022 वोट% |
खटीमा | 76.48% | 77.02% |
लालकुआं | 72. 37% | 72.24% |
हरिद्वार | 65.27% | 62.30 % |
टिहरी | 54.68% | 53.76% |
गंगोत्री | 67.16% | 66.54% |
ऋषिकेश | 64.79% | 61.58% |
श्रीनगर | 57.61% | 58.18% |
कोटद्वार | 68.67% | 63.50% |
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भाजपा में भितरघात की खबरेंः भाजपा सरकार ने विधानसभा 2022 में 60 पार का नारा देकर दोबारा से सत्ता में काबिज होने का दावा किया है. लेकिन भाजपा में पार्टी प्रत्याशियों द्वारा भितरघात कर चुनाव में नुकसान पहुंचाने जैसी खबरें एक के बाद एक सामने आ रही है. पहले लक्सर से भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता, फिर काशीपुर विधानसभा से भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा और अब चंपावत से भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने मीडिया के सामने आकर भाजपा के कुछ नेताओं पर चुनाव में धोखेबाजी कर नुकसान पहुंचाने की बात कही है.
ऐसे में आने वाले दिनों में उत्तराखंड में किसकी सरकार बनेगी, यह फैसला तो आगामी 10 मार्च को ईवीएम खुलने के बाद ही साफ हो पाएगा. लेकिन उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से प्रत्येक विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता हर 5 साल बाद पार्टी बदल नई सरकार चुनती आई है. ऐसे में यह भी दिलचस्प होगा कि इस मिथक को इस बार के मतदाता बदलेंगे या नहीं यह 10 मार्च 2022 को साफ होगा.