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हार के बावजूद कांग्रेस ने दो जिलों में किया कमबैक, हरिद्वार-यूएस नगर से BJP को लगा झटका - Mathura Dutt Joshi

उत्तराखंड में बीजेपी 47 सीटों के साथ लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी को उधम सिंह नगर और हरिद्वार में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिला है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी की इस परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं है.

Uttarakhand election 2022
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
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Published : Mar 13, 2022, 11:14 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा हो, लेकिन आकलन के अनुसार ही हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. जबकि कांग्रेस को इन दोनों जिलों ने ही कुछ ऑक्सीजन देने का काम किया है. प्रदेश के इन दोनों जिलों में बाकी क्षेत्रों से समीकरण कुछ अलग रहे हैं.

उत्तराखंड में मतदान के पैटर्न पर गौर करें तो यह साफ जाहिर होता है कि प्रदेश के दो जिलों ने बाकी जिलों की तुलना में कुछ अलग समीकरण के तहत मतदान हुआ है. दरअसल, गढ़वाल में पहाड़ की 20 सीटें हैं और कुमाऊं में भी पहाड़ की 20 सीटें हैं. प्रदेश में 40 सीटों पर भाजपा ने बंपर जीत हासिल करने में कामयाबी पाई है. मैदानी जिले देहरादून में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इससे हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में चुनावी पैटर्न काफी बदला हुआ दिखाई दिया है.

हरिद्वार-यूएस नगर से BJP को लगा झटका.

राज्य के उधम सिंह नगर जिले में 9 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीतकर भाजपा को बड़ा झटका दिया है. उधर हरिद्वार की 11 विधानसभा सीटों पर भी भाजपा केवल 3 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. इस तरह इस जिले में भी कांग्रेस ने 5 सीटें जीती हैं. इस तरह कांग्रेस ने इन दो जिलों से ही अकेले 10 सीटों को जीत लिया, जबकि बाकी 11 जिलों से कांग्रेस केवल 9 सीटें जीत पाई.
पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की वजह से भगवामय हो रहा देश: साक्षी महाराज

कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि पार्टी ने जो परफॉर्मेंस किया है उससे वह संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पहले के मुकाबले पार्टी ने अच्छा परिणाम पाया. लेकिन देहरादून में पार्टी को उम्मीद से कम सीटें मिली, जिसका पार्टी समीक्षा के जरिए आकलन करेगी.

उधर, भाजपा भी मानती है कि साल 2017 की तुलना में जिस तरह उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में भाजपा को बेहद ज्यादा नुकसान हुआ है. उसके इस बार कुछ खास कारण रहे. भाजपा नेता सुबोध उनियाल कहते हैं कि कुछ दलों की तरफ से इन जिलों में चुनाव को सांप्रदायिक रूप से लड़ने की कोशिश की गई और इसलिए भाजपा को इच्छा के अनुसार परिणाम नहीं मिल सके.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा हो, लेकिन आकलन के अनुसार ही हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. जबकि कांग्रेस को इन दोनों जिलों ने ही कुछ ऑक्सीजन देने का काम किया है. प्रदेश के इन दोनों जिलों में बाकी क्षेत्रों से समीकरण कुछ अलग रहे हैं.

उत्तराखंड में मतदान के पैटर्न पर गौर करें तो यह साफ जाहिर होता है कि प्रदेश के दो जिलों ने बाकी जिलों की तुलना में कुछ अलग समीकरण के तहत मतदान हुआ है. दरअसल, गढ़वाल में पहाड़ की 20 सीटें हैं और कुमाऊं में भी पहाड़ की 20 सीटें हैं. प्रदेश में 40 सीटों पर भाजपा ने बंपर जीत हासिल करने में कामयाबी पाई है. मैदानी जिले देहरादून में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इससे हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में चुनावी पैटर्न काफी बदला हुआ दिखाई दिया है.

हरिद्वार-यूएस नगर से BJP को लगा झटका.

राज्य के उधम सिंह नगर जिले में 9 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीतकर भाजपा को बड़ा झटका दिया है. उधर हरिद्वार की 11 विधानसभा सीटों पर भी भाजपा केवल 3 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. इस तरह इस जिले में भी कांग्रेस ने 5 सीटें जीती हैं. इस तरह कांग्रेस ने इन दो जिलों से ही अकेले 10 सीटों को जीत लिया, जबकि बाकी 11 जिलों से कांग्रेस केवल 9 सीटें जीत पाई.
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कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि पार्टी ने जो परफॉर्मेंस किया है उससे वह संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पहले के मुकाबले पार्टी ने अच्छा परिणाम पाया. लेकिन देहरादून में पार्टी को उम्मीद से कम सीटें मिली, जिसका पार्टी समीक्षा के जरिए आकलन करेगी.

उधर, भाजपा भी मानती है कि साल 2017 की तुलना में जिस तरह उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में भाजपा को बेहद ज्यादा नुकसान हुआ है. उसके इस बार कुछ खास कारण रहे. भाजपा नेता सुबोध उनियाल कहते हैं कि कुछ दलों की तरफ से इन जिलों में चुनाव को सांप्रदायिक रूप से लड़ने की कोशिश की गई और इसलिए भाजपा को इच्छा के अनुसार परिणाम नहीं मिल सके.

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