देहरादून: चुनाव आयोग ने उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. साथ ही इतिहास में पहली बार हो रहा है कि चुनाव आयोजन ने पार्टियों को चुनावी कार्यक्रम जैसे रैली, जनसभा या रोड शो करने की अनुमति नहीं दी है. वहीं, 16 जनवरी तक चुनाव आयोग ने चुनावी कार्यक्रमों पर रोक लगाकर केवल पार्टियों को वर्चुअल कार्यक्रम करने की ही परमिशन दी है, क्योंकि देश में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. ऐसे में बीजेपी समेत सभी दलों ने प्रचार-प्रसार के लिए अपने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है.
उत्तराखंड में बीजेपी चुनावी मैदान में उतर चुकी है, जिसकी तैयारी वह पिछले डेढ़ साल से कर रही थी. वहीं, कोरोना संक्रमण के लिए पार्टी ने डिजिटल प्रचार प्रसार पर काफी जोर दिया था. ऐसे में अब उन तैयारियों को परखने के लिए इंतिहान की बारी आ चुकी है. दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा 16 जनवरी तक चुनावी कार्यक्रमों पर रोक के बाद अब बीजेपी अपने वर्चुअल मोर्चे पर पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है. वहीं, प्रदेश में मौजूद दूसरे राजनीतिक दल वर्चुअल मोर्चे पर बीजेपी से 19 ही हैं लेकिन 20 नहीं.
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हालांकि, बीजेपी के लिए काम बिल्कुल भी नया नहीं है क्योंकि जब से कोविड-19 महामारी का दौर शुरू हुआ है तब से लगातार बीजेपी अपने आपको वर्चुअल संवाद के लिए ढाल रही है. साथ ही लगातार वर्चुअल संवाद के लिए अपने कार्यकर्ताओं को भी व्यवहारिक बना रही है. यही वजह है कि अब बीजेपी अन्य राजनीतिक दलों से वर्चुअल प्रचार-प्रसार में एक कदम आगे नजर आ रही है.