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गणतंत्र दिवस परेड: BJP शासित उत्तराखंड की झांकी को भी जगह नहीं, केंद्र ने तीनों प्रस्ताव किये नामंजूर

पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकियों के साथ ही उत्तराखंड की झांकी को भी इस बार गणतंत्र दिवस परेड में जगह नहीं मिली है. केंद्र से प्रदेश के तीन प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिल पाई है, जिसके कारण इस बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखेगी.

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गणतंत्र दिवस की परेड में नजर नहीं आएगी उत्तराखंड की झांकी
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Published : Jan 2, 2020, 6:26 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 12:38 PM IST

देहरादून: गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकियों के साथ ही उत्तराखंड की झांकी को भी स्थान नहीं मिला है. रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 16 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झांकियों को मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें इन राज्यों का नाम शामिल नहीं किया गया है.

republic day parade
केंद्र सरकार से स्वीकृत झांकियां

बता दें कि सूचना विभाग के उपनिदेशक केएस चौहान से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार उत्तराखंड की ओर से उत्तरकाशी में होने वाले बटर फेस्टिवल, लाखामंडल और जल संचय एवं संवर्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे. जिन्हें केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है. राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में नजर आ चुकी है.

वहीं, उत्तराखंड के साथ प.बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकी को भी इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के लिए मंजूरी नहीं मिली है. प. बंगाल और महाराष्ट्र के बाद केरल ने इस बात की शिकायत की है. केरल के कानून मंत्री एके बालन ने कहा कि झांकी के प्रस्ताव को खारिज करना राजनीति से प्रेरित है.

पढ़ें- गणतंत्र दिवस पर झांकी : बंगाल, महाराष्ट्र के बाद केरल की आपत्ति, देखिए पूरी सूची

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल तथा महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्तावों को स्वीकृति न मिलने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे दोनों राज्यों की जनता का अपमान बताया था. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण राज्य के लोगों का अपमान किया गया.

हालांकि, केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि झांकी को शामिल करने या नहीं करने का फैसला पूरी तरह गुणवत्ता आधारित होता है.

गौर हो कि मंत्रालय ने 15 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर किया है जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं. इनमें से आठ राज्य भाजपा या राजग शासित हैं. चार में यूपीए (संप्रग) का शासन है और तीन में गैर-संप्रग तथा गैर-राजग (एनडीए) दलों की सरकार है.

देहरादून: गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकियों के साथ ही उत्तराखंड की झांकी को भी स्थान नहीं मिला है. रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 16 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झांकियों को मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें इन राज्यों का नाम शामिल नहीं किया गया है.

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केंद्र सरकार से स्वीकृत झांकियां

बता दें कि सूचना विभाग के उपनिदेशक केएस चौहान से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार उत्तराखंड की ओर से उत्तरकाशी में होने वाले बटर फेस्टिवल, लाखामंडल और जल संचय एवं संवर्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे. जिन्हें केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है. राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में नजर आ चुकी है.

वहीं, उत्तराखंड के साथ प.बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकी को भी इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के लिए मंजूरी नहीं मिली है. प. बंगाल और महाराष्ट्र के बाद केरल ने इस बात की शिकायत की है. केरल के कानून मंत्री एके बालन ने कहा कि झांकी के प्रस्ताव को खारिज करना राजनीति से प्रेरित है.

पढ़ें- गणतंत्र दिवस पर झांकी : बंगाल, महाराष्ट्र के बाद केरल की आपत्ति, देखिए पूरी सूची

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल तथा महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्तावों को स्वीकृति न मिलने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे दोनों राज्यों की जनता का अपमान बताया था. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण राज्य के लोगों का अपमान किया गया.

हालांकि, केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि झांकी को शामिल करने या नहीं करने का फैसला पूरी तरह गुणवत्ता आधारित होता है.

गौर हो कि मंत्रालय ने 15 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर किया है जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं. इनमें से आठ राज्य भाजपा या राजग शासित हैं. चार में यूपीए (संप्रग) का शासन है और तीन में गैर-संप्रग तथा गैर-राजग (एनडीए) दलों की सरकार है.

Intro:देहरादून- देश की राजधानी नई दिल्ली के राजपथ पर हर साल गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार आप उत्तराखंड की झांकी को नहीं देख सकेंगे । रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 16 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झांकियों को मंजूरी प्रदान की गई है जिसमें उत्तराखंड का नाम शामिल नहीं है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार उत्तराखंड राज्य की ओर से उत्तरकाशी में होने वाले बटर फेस्टिवल, लाखामंडल और जल संचय एवं संवर्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे । जिन्हें केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में आ चुकी है ।




Body:वहीं उत्तराखंड के साथ बंगाल की झांकी को भी इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में मंजूरी नही मिल पाई है । सूत्रों के अनुसार बंगाल का प्रस्ताव अस्वीकार होने का एक बड़ा कारण केंद्र और ममता सरकार के बीच की खटास को माना जा रहा है ।


Conclusion:
Last Updated : Jan 4, 2020, 12:38 PM IST
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