देहरादून: गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस बार पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकियों के साथ ही उत्तराखंड की झांकी को भी स्थान नहीं मिला है. रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 16 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों की 22 झांकियों को मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें इन राज्यों का नाम शामिल नहीं किया गया है.
बता दें कि सूचना विभाग के उपनिदेशक केएस चौहान से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार उत्तराखंड की ओर से उत्तरकाशी में होने वाले बटर फेस्टिवल, लाखामंडल और जल संचय एवं संवर्धन थीम पर तीन प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे. जिन्हें केंद्र से मंजूरी नहीं मिल पाई है. राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक 11 बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में नजर आ चुकी है.
वहीं, उत्तराखंड के साथ प.बंगाल, महाराष्ट्र और केरल की झांकी को भी इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के लिए मंजूरी नहीं मिली है. प. बंगाल और महाराष्ट्र के बाद केरल ने इस बात की शिकायत की है. केरल के कानून मंत्री एके बालन ने कहा कि झांकी के प्रस्ताव को खारिज करना राजनीति से प्रेरित है.
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इससे पहले तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल तथा महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्तावों को स्वीकृति न मिलने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे दोनों राज्यों की जनता का अपमान बताया था. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के कारण राज्य के लोगों का अपमान किया गया.
हालांकि, केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि झांकी को शामिल करने या नहीं करने का फैसला पूरी तरह गुणवत्ता आधारित होता है.
गौर हो कि मंत्रालय ने 15 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर किया है जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं. इनमें से आठ राज्य भाजपा या राजग शासित हैं. चार में यूपीए (संप्रग) का शासन है और तीन में गैर-संप्रग तथा गैर-राजग (एनडीए) दलों की सरकार है.